हरिद्वार में पर्सनल रैपिड ट्रांजिट यानी पॉड कार के जरिए यात्रियों को हवा में ही हरकी पैड़ी से लेकर अन्य धार्मिक स्थानों तक आसानी से पहुंचाने की योजना है, लेकिन यह योजना कई अचड़नों की वजह से परवान नहीं चढ़ पा रही है. पॉड टैक्सी रूट को लेकर सर्वे भी हो चुका है, लेकिन इस रूट का व्यापारी विरोध कर रहे हैं. यही वजह है कि कई मर्तबा हुई बैठक का नतीजा शिफर ही निकला है. व्यापारियों का कहना है कि अपर रोड और मुख्य बाजारों पर सड़कें संकरी हैं, ऐसे में अगर यहां पॉड टैक्सी के लिए पिलर लगाए जाएंगे तो व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। इस बात पर हरिद्वार के सभी छोटे-बड़े व्यापारी एकजुट होकर प्रोजेक्ट का रूट बदले जाने की मांग कर रहे हैं।
बीती 11 दिसंबर को जिला प्रशासन, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और स्थानीय संगठनों के बीच हुई बैठक में एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। यह कमेटी पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर सभी स्टेक होल्डर के बीच समन्वय बनाएगी और गलतफहमियों को दूर करेगी। ऐसे में अधिकारियों को उम्मीद है कि पॉड टैक्सी को लेकर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यहां आपको पॉड टैक्सी योजना के बारे में भी बताते हैं। पॉड टैक्सी रोपवे की तरह ट्रांसपोर्ट करने वाली एक तकनीक है, जिसमें 4 से 6 यात्री एक केबिन के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा कर सकते हैं। विदेशों में संचालित होने वाली इस सेवा को सरकार हरिद्वार में भी शुरू करना चाहती है, लेकिन स्थानीय व्यापारियों और अन्य संगठनों के विरोध के चलते पॉड टैक्सी योजना की राह में कई रुकावटें आ रही हैं.