उत्तराखंड

उत्तराखंड: महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण देगी सरकार, राज्यपाल ने विधेयक को दी मंजूरी

उत्तराखंड में विधानसभा अनुपूरक बजट सत्र दौरान 30 नवम्बर 2022 को पारित उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 को आज राजभवन से मंज़ूरी मिल गई है.

उत्तराखंड में विधानसभा अनुपूरक बजट सत्र दौरान 30 नवम्बर 2022 को पारित उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 को आज राजभवन से मंज़ूरी मिल गई है. इस क़ानून से प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था एकबार फिर से लागू हो जाएगी. महिला आरक्षण संबंधित प्रकरण में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर की थी. मुख्यमंत्री धामी सरकार की यह बड़ी उपलब्धि है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कानून मातृशक्ति के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. राज्य के विकास में अतुलनीय योगदान देने वाली नारी शक्ति के उत्थान हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध हैं आपको बता दें की पिछले साल नवम्बर 2022 में धामी सरकार ने इन दोनों विधेयकों को कैबिनेट से मंजूरी दी थी. जिसके बाद 30 नवम्बर को विधानसभा में इस विधेयक के पास होने के बाद राजभवन स्वीकृति के लिए लिए भेजा गया था.

वहीँ महिला आरक्षण विधेयक को राजभवन से मंज़ूरी मिलने पर पर मुख्यमंत्री धामी ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया है. आपको बता दें की उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 के तहत राज्य में महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई थी. यह प्रावधान उन महिलाओं के लिए किया जा रहा है. राज्य गठन के दौरान तत्कालीन सरकार ने 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण शुरू किया था. जुलाई 2006 में इसे 30 फीसदी कर दिया था. इसी साल हरियाणा की पवित्रा चौहान व अन्य प्रदेशों की महिलाओं को जब क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं मिला तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी, इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. बीते 4 नवम्बर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर आरक्षण को बरकरार रखा. 30 नवम्बर 2022 को सरकार ने इस विधेयक को सदन में पास करवाकर इसे कानूनी रुप दे दिया, जिसे मंगलवार को राजभवन से भी मंज़ूरी मिल गई है.

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