विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्तियों को लेकर एक बार फिर से प्रदेश में सियासत गरमा गई है. बता दें की उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि कोर्ट ने जो आदेश जारी किया है उस आदेश की स्टडी की जाएगी. इसके बाद सरकार कोई फैसला करेगी. बता दें की उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने वर्ष 2016 के बाद विधानसभा में हुई सभी बैकडोर भर्तियों को निरस्त कर दिया था. इसकी जद में कुल 228 कर्मचारी आ रहे थे.
इसके अतिरिक्त उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के जरिए नियुक्त 22 कर्मचारियों की नियुक्ति भी रद्द कर दी गई थी. इस तरह इस अवधि में कुल 250 भर्तियों को निरस्त किया गया है. जिसके बाद बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ 55 से अधिक कर्मचारियों ने याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने लोकहित बताकर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी, लेकिन बर्खास्तगी आदेश में उन्हें हटाने की वजह नहीं बताई गई और न ही बर्खास्त कर्मचारियों का पक्ष सुना गया. जिसके खिलाफ कर्मचारियों ने नैनीताल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने उनकी बर्खास्तगी के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है.