कहते हैं ना प्रतिभाएं उम्र, देश या किसी क्षेत्र के दायरे में नहीं होतीं, ऐसी ही एक कहानी उत्तराखंड के चंपावत में देखने को मिली है, आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं उत्तराखंड के ऐसे ही एक होनहार युवा से जिसका चयन टेस्ला गीगा फैक्टरी में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर 23 करोड़ रुपए से अधिक पैकेज पर बर्लिन जर्मनी मे हुआ है. युवा इंजीनियर यशवंत को जर्मनी की टेस्ला गीगा कंपनी में सीनियर मैनजर की नौकरी मिली है. संभवतः यह इतनी कम उम्र के किसी भारतीय को विदेशों में मिलने वाली सबसे मोटी सैलरी है. इतनी सैलरी ऑफर आईआईएम और आईआईटी के पासआउट को भी समान्यतौर पर नहीं मिलती है. बता दें की बेंगलुरु में अगस्त से प्रशिक्षण के बाद नवंबर में उन्हें बर्लिन में काम करने का अवसर मिलेगा.
कारोबारी शेखर चौधरी के बेटे यशवंत ने पिथौरागढ़ से बीटेक करने के बाद 2020 में गेट में 870वीं रैंक हासिल की थी. दो साल पहले उनका ट्रेनी प्रबंधक के रूप में बेंगलुरु में चयन हुआ था. कोरोनाकाल में उन्होंने ऑनलाइन अपनी सेवाएं दीं. यशवंत ने बताया कि उनका चयन 30 लाख डॉलर के पैकेज में टेस्ला गीगा फैक्टरी में वरिष्ठ प्रबंधक के लिए बर्लिन जर्मनी में हुआ है. 31 जुलाई तक ऑनलाइन काम करने के बाद अगस्त से अक्तूबर तक बेंगलुरु में प्रशिक्षण होगा. इसके बाद नवंबर में बर्लिन में सेवा शुरू हो जाएगी यशवंत का कहना है कि उनका शुरू से ही सपना एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने का रहा है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा सकें और आगे चलकर यह अनुभव उन्हें देश में ही किसी बड़ी जिम्मेदारी को संभालने में काम आ सके. यशवंत को इस जॉब के बाद बधाइयों का तांता लगा हुआ है.