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जर्जर हो रहे शहर जोशीमठ से आई राहत भरी खबर..पानी का रिसाव हुआ कम, नए घरों में नहीं दरारें

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद उपजी स्थितियों के बाद मंगलवार को दो सुखद खबरें भी सामने आई हैं. पहली जेपी कॉलोनी में फूटे पानी के फव्वारे की रफ्तार धीमी पड़ी है तो दूसरी नए घरों में दरारें की बात सामने नहीं आई है.

उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है. वहीं  भू-धंसाव के बाद उपजी स्थितियों के बाद मंगलवार को दो सुखद खबरें भी सामने आई हैं. पहली जेपी कॉलोनी में फूटे पानी के फव्वारे की रफ्तार धीमी पड़ी है तो दूसरी नए घरों में दरारें की बात सामने नहीं आई है. जी हाँ सीएम पुष्कर सिंह धामी के सचिव की ओर से जारी बयान के मुताबिक जोशीमठ के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर भी है. उन्होंने बताया कि 7 जनवरी के बाद इलाके में दरारों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई है. वहीं जमीन से पानी का रिसाव भी लगातार कम हो रहा है. सीएम के सचिव ने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि जेपी कंपनी के पास पानी का रिसाव कम हो रहा है और कल शाम यह 250 एलपीएम तक पहुंच गया. 7 जनवरी के बाद कोई नई दरार विकसित नहीं हुई और पुरानी दरारें भी नहीं बढ़ीं. 2 इमारतें जो असुरक्षित हैं उन्हें गिराने की जरूरत है और हमने लोगों से हमारा समर्थन करने की अपील की है.’ 

साथ ही उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इनमें से 50 हजार रुपये लोगों को शिफ्ट करने के लिए दिया जा रहा है. सचिव ने बताया कि लोगों को बद्रीनाथ की तर्ज पर नहीं बल्कि उत्तरकाशी वरुणावत की तर्ज पर मुआवजा दिया जा रहा है. वहीं सचिव ने बताया कि अभी सिर्फ दो होटलों की डिस्मेंटलिंग की जा रही है. उन्होंने लोगों से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में सहयोग करने के लिए अपील की है. बताया गया कि जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या बढ़ती जा रही है. अभी तक कुल 723 भवनों पर दरारें देखी गई हैं. इनमें से 86 ऐसी हैं, जिन्हें पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर दिया गया है और उन पर लाल क्रॉस के निशान लगा दिए गए हैं. इन भवनों को गिराने की कार्रवाई जल्दी ही शुरू की जाएगी. 

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