उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्यशैली की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी अब बुलडोज़र की धमक बड़े पैमाने पर दिख रही है. वहीं अब हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने अतिक्रमकारियों को एक हफ्ते के भीतर नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 4,300 घरों पर हथौड़ा चलेगा. कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर नोटिस देकर ध्वस्तीकरण करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में पहली नवंबर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसमें मंगलवार को फैसला सुनाया गया. सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष हुई. रेलवे की ओर से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिनमें करीब 4365 अतिक्रमणकारी हैं.
मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों की ओर से कहा गया कि रेलवे की ओर से उनका पक्ष नहीं सुना गया. इसलिए उनको भी सुनवाई का मौका दिया जाए. जबकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह अतिक्रमित जमीन राज्य सरकार की नहीं बल्कि रेलवे की है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि कोर्ट के बार-बार आदेश होने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया. रेलवे ने कोर्ट को बतायाकि हाईकोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपी एक्ट में नोटिस दिया गया है, जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है. किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए हैं. इसके बाद कोर्ट ने सभी अतिक्रमणकारियों से अपनी-अपनी आपत्ति पेश करने को कहा था. कोर्ट ने सभी आपत्तियों व पक्षकारों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था.