उत्तराखंड की सियासत भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं से अछूती नहीं है. वहीँ उत्तराखंड में चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसी के साथ तमाम पार्टियों द्वारा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी की जा चुकी है. पार्टियों द्वारा घोषित उम्मीदवारों में कई का आपराधिक इतिहास भी है. आपको बता दें की 2017 के चुनाव में 630 में से 92 प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे, वहीं इस बार 632 में से 101 प्रत्याशी ऐसे हैं जो कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. इस बार सबसे ज्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार कुल 101 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों में कांग्रेस के 22, निर्दलीय 21, आम आदमी पार्टी के 13, भाजपा के 12, बसपा के 11, समाजवादी पार्टी के 06, यूकेडी के 07 प्रत्याशी हैं.
इसके अलावा एआईएमआईएम, लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्या), शिरोमणि अकाली दल, उत्तराखंड जनएकता पार्टी, उत्तराखंड जनता पार्टी, अखंड भारत विकास पार्टी, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के भी एक-एक प्रत्याशी ऐसे हैं जो कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। वहीं भारत के चुनाव आयोग के नए निर्देश के मुताबिक, राजनीतिक दलों को सार्वजनिक रूप से यह घोषित करना होगा कि उन्होंने आपराधिक मामलों वाले कितने लोगों को टिकट दिया है और किन कारणों से बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में नहीं चुना जा सकता है.