उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं. अब इंतजार है तो बस चुनाव के परिणामों को जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों की धड़कने बढ़ी हुई हैं. इस समय सिर्फ यही सवाल सियासी गलियारों में गूंज रहा है की कोनसी सरकार सत्ता में आएगी वहीं, चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार का गठन होना है. जिसको लेकर भाजपा अभी से सक्रिय हो गई है. और CM धामी पार्टी नेताओं को साधने में जुट गए हैं. जहां इस बार उत्तराखंड चुनाव में भाजपा ने काफी हद तक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को साइड लाइन रखा, लेकिन अब फिर से भाजपा को अपने बड़े और अनुभवी नेता त्रिवेंद्र रावत की याद आई है. आपको बता दें की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली से लौटने के बाद रविवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके डिफेंस कालोनी स्थित निवास पर मुलाकात की सीएम धामी देर तक त्रिवेंद्र रावत के आवास पर रुके. माना जा रहा कि इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के संबंध में त्रिवेंद्र से चर्चा की.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का अपना एक अलग औदा रखते हैं. और उनके कई करीबी इस वक्त चुनाव लड़ रहे हैं. और उनके जीत के आने भी की भी उम्मीद है. ऐसे में जीत के आने वाले यह सदस्य नेता सदन के रूप में किस का समर्थन करेंगे यह बेहद अहम है. तो वही इन्हीं सब कयासबाजियों के बीच सीएम धामी अभी से अपनी फील्डिंग बिछानी तेज कर दी है. गौरतलब है कि उत्तराखंड में 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने हैं. वहीं, चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार का गठन होना है. भाजपा की अगर ज्यादा सीटें नहीं आती है तो ऐसे में विधायक दल का नेता चुनना भी एक टेढी खीर होगी. वही इसके अलावा एक और विषय पर भी सीएम धामी और त्रिवेंद्र रावत की मुलाकात के दौरान चर्चा हुई जो कि मौजूदा समय में उत्तराखंड में हो रही भाजपा की किरकिरी को लेकर है. दरअसल, मतदान के बाद से ही प्रदेश में माहौल भाजपा के खिलाफ बन रहा है. और इसमें सबसे बड़ी भूमिका भाजपा के ही नेताओं की है. चुनाव लड़ रहे अपने ही प्रत्याशियों द्वारा आए दिन पार्टी के खिलाफ असहज करने वाले बयान आ रहे हैं. ऐसे में सीएम धामी ने अपने अनुभवी नेता त्रिवेंद्र रावत से इस बात पर भी चर्चा की कि कहां पर कमी रह गई है. और किस तरह से इन हालातों से निपटा जा सकता है.