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उत्तराखंड विधानसभा में ‘पहाड़ बनाम मैदान’ बयान पर विवाद, अब तक का घटनाक्रम

विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पर पहाड़ी समुदाय के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप लगाया। मंत्री अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा था, "क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ियों के लिए है? आप लोगों को कुमाऊं, गढ़वाल, पहाड़ी और देशी में बांट रहे हैं।"

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा में दिए गए बयान के बाद प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। हालांकि अपने बयान पर बाद में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को माफी भी मांगनी पड़ी लेकिन विपक्ष ने उनकी माफी को नाकाफी बताया है। शुक्रवार को उनके “पहाड़ बनाम मैदान” टिप्पणी से विधानसभा में हंगामा हुआ, जिसके बाद कांग्रेस और विभिन्न संगठनों ने मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए। विरोध के बढ़ते दबाव के बीच रविवार को मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए खेद जताया और इसे गलत संदर्भ में प्रस्तुत करने का आरोप लगाया।

विधानसभा में गरमाया था विवाद
विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पर पहाड़ी समुदाय के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप लगाया। मंत्री अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा था, “क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ियों के लिए है? आप लोगों को कुमाऊं, गढ़वाल, पहाड़ी और देशी में बांट रहे हैं।” इस बयान के बाद सदन में हंगामा हो गया और कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी की मांग की थी। कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पहाड़ी इलाकों में बेतरतीब निर्माण की समस्या है, जबकि मैदानों में सुविधाओं की कोई कमी नहीं है। इसी चर्चा के दौरान अग्रवाल का बयान आया, जिसने पहाड़ बनाम मैदान की बहस को और भड़का दिया।

राज्यभर में विरोध प्रदर्शन
मंत्री के बयान के विरोध में कांग्रेस और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राज्यभर में प्रदर्शन किए। अल्मोड़ा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने “शव यात्रा” निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने इसे पहाड़ विरोधी मानसिकता करार दिया और मांग की कि मंत्री को पद से हटाया जाए। बायन पर यूकेडी के नेताओं ने मुखर विरोध जताया।

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मां गंगा की शरण में पहुंचे मंत्री, जताया खेद
लगातार बढ़ते विरोध के बीच रविवार को ऋषिकेश में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मां गंगा की शरण में पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, “मां मैं तेरे चरणों में आया हूं। जो लोग निहित स्वार्थों के लिए मुझे निशाना बना रहे हैं, मां तू उनका भी कल्याण कर और मुझे भी न्याय दे।” इस दौरान मंत्री ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड में पैदा हुआ, यहीं रहूंगा और यहीं मरूंगा। उत्तराखंड के सभी लोग मेरे परिवार की तरह हैं। यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।”

विपक्ष ने माफी को बताया ‘अपर्याप्त’, कार्रवाई की मांग
हालांकि, विपक्ष ने मंत्री की माफी को नाकाफी बताया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। विधानसभा में कांग्रेस विधायक लाखपत भूतोला ने विरोध स्वरूप आधिकारिक दस्तावेज फाड़ दिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार पहाड़ी लोगों के साथ भेदभाव कर रही है और सरकार को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।

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