सूबे के लोक पर्व हरेला को सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक पखवाड़े तक मनाया जायेगा. हरेला पखवाडे के दौरान 16 से 23 जुलाई तक सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों सहित समस्त छात्र-छात्राएं अपने-अपने विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं आस-पास के क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करेंगे. इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं. कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली. जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को लोक पर्व हरेला को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक पखवाड़े तक मनाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि हरेला धरती के श्रृंगार का त्यौहार एवं पर्यावरण संरक्षण का पर्व है, जिसे उत्तराखंड में सदियों से मनाया जाता रहा है. अपनी इस लोक परम्परा को जीवित रखने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने के उद्देश्य से प्रदेशभर के सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 1़6 से 23 जुलाई तक हरेला पखवाड़े के रूप में मनाया जायेगा.
जिसमें सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों सहित समस्त छात्र-छात्राएं अपने-अपने विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं आस-पास के क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करेंगे. इसके अलावा हरेला पर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं जिसमें निबंध, कला, पोस्टर, पेंटिंग, वाद-विवाद, भाषण आदि शामिल है. साथ ही आम जनमानस को हरेला एवं पर्यावरण प्रति जागरूक करने के लिये वृहद स्तर पर जनजागरूता अभियान भी चलाये जायेंगे. विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि जिन शिक्षकों ने अपने स्थानांतरण के विरूद्ध प्रत्यावेदन दिये हैं उनको प्रत्यावेदन निस्तारण के उपरांत ही रिलीव किया जायेगा. इस संबंद्ध में विद्यालयी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है. डा. रावत ने बताया कि कई शिक्षक संगठनों एवं स्थानांतरण किये गये शिक्षकों ने विभिन्न माध्यमों से अवगत कराया गया है कि उन्हें विकल्प वाले स्थानों के वजाय अन्यत्र विद्यालयों में स्थानांतिरित किया गया है. जबकि कई शिक्षकों ने अपने स्थानांतरण को समान श्रेणी में अन्य विद्यालयों में करने हेतु प्रार्थना पत्र दिये हैं. विभगागीय मंत्री के आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर प्रत्यावेदन दाखिल करने वाले शिक्षकों की शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाय उसके उपरांत ही उन्हें मूल विद्यालयों से नये स्थान के लिये रिलीव किया जाये .