अपराधउत्तराखंडहल्द्वानी

उत्तराखंड के इस शहर में सुरक्षित नहीं बेटियां, आपको चौंका देगा ढाई साल का ये आंकड़ा

हल्द्वानी में ढाई साल की बात करें तो नाबालिग से दुष्कर्म के 271 मामले सामने आए. इन घटनाओं में पुलिस ने 375 लोगों पर मुकदमा कर जेल भेजा है.

हल्द्वानी में देर शाम सात बजे एक युवती का अपहरण हो जाता है. उसे कार में हल्द्वानी की सड़कों पर तीन घंटे घुमाया जाता है. तीन घंटे उसके साथ गैंगरेप होता है. उधर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती है. इस पर पुलिस की गश्त और हल्द्वानी क्षेत्र में लगे सैकड़ों सीसीटीवी की मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हल्द्वानी की शांत गलियो़ं में इससे पहले सड़क से अपहरण और कार में तीन घंटे तक गैंगरेप का मामला सामने नहीं आया है. एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने हाल ही में क्राइम मीटिंग ली थी. क्राइम मीटिंग में अधीनस्थों को रात में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए थे. एसएसपी के आदेशों का अधीनस्थों में कोई असर नहीं दिखा. हाल ही में एसपी सिटी हरबंस सिंह ने लामाचौड़ चौकी में छापा मारा था. छापे में सभी पुलिस कर्मी जुआ खेलते मिले थे. एसपी सिटी की रिपोर्ट पर एसएसपी ने पूरी चौकी लाइन हाजिर कर दी. इसके बाद भी पुलिस कर्मियों में खौफ नहीं दिखा.

शनिवार देर शाम एक युवती का अपहरण हो जाता है. हल्द्वानी की गलियों में उसके साथ चलती कार में गैंगरेप किया जाता है. पीड़िता की तहरीर के अनुसार उसे शराब पिलाई जाती है. उसे हल्द्वानी शहर की कई सड़कों पर तीन घंटे कर दौड़ती रहती है. कार की स्पीड 20 किलोमीटर प्रतिघंटा भी मान ली जाए तो शहर में कार तीन घंटे में 60 किलोमीटर चली होगी. इस दौरान युवती भी चिल्लाई होगी. कई बार ये कार कई चौराहे से गुजरी होगी. मुखानी चौराहे पर युवती को उतार दिया जाता है. तो उसके कपड़े भी तितर-बितर हुए होंगे. इसके बाद भी पुलिस और लोगों की नजर उस युवती पर क्यों नहीं पड़ी. कोई उसकी मदद को क्यों नहीं आया. यहां पर लड़की बदहवास हालत में अपने दोस्त को फोन करती है. उसका दोस्त आता है और उसे लेकर जाता है. जबकि मुखानी चौराहे पर पुलिस का कैमरा लगा हुआ है. ये कैमरा ऐसा है कि इस पर नंबर प्लेट तक साफ दिख जाती है. नियमानुसार इस चौराहे पर पुलिस होनी चाहिए. लेकिन यहां पुलिस नहीं थी. कैमरों की निगरानी पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी घटना हो गई. सीसीटीवी की निगरानी करने वालों को ये घटना क्यों नहीं दिखी. क्यों उस समय पुलिस नहीं दौड़ाई गई. चौराहे में पुलिस तो दूर गश्ती वाहन तक को यह नहीं पता चला. आगे पढ़िए 

हल्द्वानी में ढाई साल की बात करें तो नाबालिग से दुष्कर्म के 271 मामले सामने आए. इन घटनाओं में पुलिस ने 375 लोगों पर मुकदमा कर जेल भेजा है. मानवता और मर्यादा को शर्मसार करने वाली इन घटनाओं पर लगाम लगाने में सिस्टम की नाकामी साफ झलकती है. महिला अपराध लगातार बढ़ने से नैनीताल जिला असुरक्षित होता जा रहा है. किशोरियों से दुष्कर्म के बढ़ते मामले पुलिस के साथ समाज की चिंता बढ़ा रहे हैं. जिले में बीते ढाई साल में पॉक्सो से जुड़े 271 मामलों में 375 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. महिला सुरक्षा को लेकर सरकार से लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन जमीनी हकीकत रोंगटे खड़े करने वाली है. हाल ही में दृष्टिबाधित बच्चों के संस्थान में बच्ची से यौन शोषण के मामले ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. पुलिस विभाग के आंकड़ों की माने तो हर साल नाबालिग से दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि पुलिस कार्रवाई भी कर रही है लेकिन बच्चियों से दरिंदगी के बढ़ते मामले कम न होना चिंताजनक है.

यह भी पढ़ें -  बधाई दीजिए: उत्तराखंड के रोहित ने UPPSC EXAM में हासिल की 1st रैंक, पहले ही प्रयास में मिली सफलता
Back to top button