धोनी फैमिली ने फिर जीता उत्तराखंड का दिल, अंबानी की शादी में दिखा साक्षी धोनी का पहाड़ी लुक
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की जामनगर में हुई प्री वेडिंग सेरेमनी में देश-विदेश के कई मशहूर सेलेब्रेटिज ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी वाइफ साक्षी धोनी के साथ नजर आए। जहां तीन दिन तक हुए इस फंक्शन में से इस कपल का एक से बढ़कर एक लुक देखने को मिले। वहीं इवेंट के तीसरे दिन साक्षी धोनी पारंपारिक रॉयल लुक में नजर आई। साक्षी ने इस इवेंट के लिए अपनी ड्रेस को मैच करते हुए दुपट्टे की जगह उत्तराखंड के कुमाउंनी पिछोड़ा को पहना था। इसके अलावा उन्होंने अपने लुक को कम्प्लीट करने के लिए अपनी शादी की जूलरी भी पहनी थी। साक्षी पिछौड़ा में खूबसूरत नजर आ रही हैं. इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी भी खास परिधान में नजर आए. वहीं, साक्षी ने इस खास मौके पर उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत की पहचान रंगीली पिछौड़ा ओढ़कर प्री वेडिंग में चार चांद लगा दिए. साक्षी ने पिछौड़ा को ओढ़कर कुमाऊं की खास पहचान को देश और दुनिया में पहुंचा दिया है. इससे न केवल पिछौड़ा को दुनिया में पहचान मिली. बल्कि, साक्षी ने एक तरह से उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व भी किया है. बता दें कि साक्षी रावत उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं. जिनका विवाह 4 जुलाई 2010 को पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के साथ हुआ था. जबकि, महेंद्र सिंह धोनी का पैतृक गांव भी उत्तराखंड में ही है. एमएस धोनी का मूल गांव अल्मोड़ा के ल्वाली गांव में है. यही वजह है कि साक्षी अपनी पारंपरिक परिधान में नजर आईं.
क्या होता है पिछौड़ा? उत्तराखंड में खास मौकों पर महिलाएं पिछौड़ा पहनती या ओढ़ती हैं. शादी समारोह हो या अन्य मांगलिक कार्यक्रम परिणय, यज्ञोपवीत, नामकरण, पूजा पाठ, संस्कार और तीज त्योहार आदि में महिलाएं इस परिधान को पहनती या ओढ़ती हैं. इसे शादीशुदा महिलाओं की सुहाग का प्रतीक या सुहागन की पहचान माना जाता है. यह एक विशिष्ट परिधान होता है. जो खासकर कुमाऊं में काफी प्रचलित है. पिछौड़ा कितना आकर्षक होता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे पहाड़ में हर दुल्हन को पहनाया जाता है. पिछौड़ा में इस्तेमाल होने वाले हर रंग और उन रंगों से बनने वाले डिजाइन का भी अपना खास महत्व है. पिछौड़ा तैयार करने में करीब 3 मीटर लंबा और सवा मीटर चौड़ा सफेद चिकन का कपड़ा लिया जाता है. जिसे हल्दी के पीले रंग में रंगा जाता है. जिसके बाद पिछौड़ा तैयार किया जाता है. सफेद रंग शांति, शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. जबकि, पीला रंग आपके मन की खुशी और प्रसन्नता को जाहिर करता है. साथ ही इसमें बने शंख और स्वास्तिक के चिन्ह ऊर्जा, वैभव और धार्मिकता के सूचक माने जाते हैं. इसके बिना हर त्योहार या मांगलिक कार्य अधूरा सा लगता है.