रुद्रप्रयाग, 05 मई 2025 |
केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों की संदिग्ध मृत्यु और एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की आशंका को गंभीरता से लेते हुए पशुपालन विभाग ने यात्रा मार्ग पर इन पशुओं के संचालन पर आगामी 24 घंटे के लिए पूर्ण रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय राज्य सरकार में सचिव, पशुपालन विभाग डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा रुद्रप्रयाग में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में लिया गया।

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पशुओं की लगातार हो रही मृत्यु को देखते हुए भारत सरकार से विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम रुद्रप्रयाग भेजी जा रही है, जो पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति की गहन जांच करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत पिछले एक माह से पशुपालन विभाग सतर्कता बरतते हुए लगातार निगरानी और स्क्रीनिंग कार्य कर रहा है। 4 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक कुल 16,000 घोड़े-खच्चरों की जांच की गई थी और केवल स्वस्थ पाए गए पशुओं को ही यात्रा में भाग लेने की अनुमति दी गई।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. आशीष रावत ने जानकारी दी कि अगले 24 घंटे में घोड़े-खच्चरों की आवाजाही पर रोक के दौरान अस्वस्थ पशुओं को क्वारंटाइन किया जाएगा। इस अवधि में हरिद्वार से राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान (NRCE), हिसार को सैंपल भेजे जा चुके हैं और रिपोर्ट आने तक पशु संचालन पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत यदि किसी अस्वस्थ पशु से कार्य कराया गया या उसे अन्य पशुओं के साथ रखा गया, तो संबंधित पशुपालक के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं और व्यापारियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि यह रोक एहतियातन लगाई गई है ताकि पशुओं की जान बचाई जा सके और चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।