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भारतीय सेना में अब 4 साल के लिए होगी जवानों की भर्ती, जानें- क्या है अग्निपथ योजना का लक्ष्य

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव के लिए अग्निपथ भर्ती योजना' का ऐलान किया.

भारतीय सेनाओं का हिस्‍सा बनकर देशसेवा करना चाहते हैं तो तरीका बदल गया है. अब थलसेना, वायुसेना और नौसेना में युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव के लिए अग्निपथ भर्ती योजना’ का ऐलान किया. राजनाथ सिंह ने बताया कि अग्निपथ भर्ती योजना के तहत सेना में चार साल के लिए युवाओं को भर्ती कराया जाएगा.  इसके साथ ही उन्हें नौकरी से छोड़ते वक्त सेवा निधि पैकेज मिलेगा. इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योजना से भारत की सेनाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और युवाओं के भविष्य को भी चार चांद लग जाएंगे.

इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 75 फीसदी अग्निवीर सैनिकों को 4 साल बाद सेवा मुक्त कर दिया जाएगा, अन्य 25 प्रतिशत अति प्रतिभाशाली युवाओं को सेनाएं रिटेन करेंगी. 17.5 साल से 21 साल तक की उम्र वाले युवा इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. उनकी ट्रेनिंग 10 हफ्ते से 6 महीने तक की होगी. 10/12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे. जो युवा 10वीं के बाद भर्ती होंगे उन्हें सेना की ओर से 12वीं का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 4 साल की अवधि पूरी होने पर, ‘अग्निवीर’ को एकमुश्त ‘सेवानिधि’ पैकेज का भुगतान किया जाएगा…जो आयकर से मुक्त होगा. ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ का कोई अधिकार नहीं होगा. आगे पढ़िए-

आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने बताया कि अगर इस सेवा के दौरान कोई जवान शहीद होता है तो उसके परिवार को पूरा इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इसके अलावा, शहीद के परिवार को सेवा निधि समेत लगभग एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा, शहीद की बची हुई सेवा की पूरी सैलरी भी परिवार को मिलेगी. सेवा के दौरान अगर जवान दिव्यांग हो जाते हैं तो दिव्यांगता के प्रतिशत के हिसाब से करीब 44 लाख रुपये मिलेंगे. सेवा निधि के अलावा बची हुई सेवाकाल की पूरी सैलरी भी जवान को दी जाएगी. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है. वहीं नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने जानकारी दी कि अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं को भी सशस्त्र सेनाओं में शामिल किया जाएगा.

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