चारधाम/पर्यटन

केदारनाथ में 24 घंटे सेवा में जुटे अधिकारी और कर्मचारी, DM गहरवार ने कह – यात्रा के असली हीरो

केदारनाथ यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह प्रशासनिक सेवा, अनुशासन और मानवीय समर्पण का अद्भुत उदाहरण भी है।

रुद्रप्रयाग: श्री केदारनाथ धाम यात्रा देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। समुद्र तल से करीब 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम तक की 20 किलोमीटर लंबी यह पैदल यात्रा कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बीच संपन्न होती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं, लेकिन इसकी सफलता के पीछे प्रशासनिक प्रबंधन के साथ-साथ उन समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों का कठिन परिश्रम होता है जो 24 घंटे व्यवस्थाओं को संभालते हैं।

सात सेक्टरों में बंटा यात्रा मार्ग

यात्रा मार्ग को सोनप्रयाग से केदारनाथ मंदिर तक सात सेक्टरों में विभाजित किया गया है – सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, बड़ी लिनचोली, घोड़ा पड़ाव, हेलिपैड सेक्टर और मंदिर परिसर। हर सेक्टर में सेक्टर मजिस्ट्रेट, पुलिस, पीआरडी जवान, स्वास्थ्य विभाग और अन्य व्यवस्थापक तैनात हैं। ये सभी श्रद्धालुओं के पंजीकरण, चिकित्सा, मार्गदर्शन, ट्रैफिक नियंत्रण, सफाई, सुरक्षा और रेस्क्यू तक हर जिम्मेदारी को निभाते हैं।

खंड विकास अधिकारी अनुष्का, जो केदारनाथ में बतौर सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात हैं, बताती हैं कि यह ड्यूटी उनके जीवन की सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन सबसे मूल्यवान ड्यूटी है। “न्यूनतम संसाधनों में हम लोग यहां 24 घंटे ड्यूटी करते हैं, कई बार ऐसा होता है कि दिन में दो से तीन घंटे की नींद भी पूरी नहीं हो पाती। लेकिन हर दिन हमें पूरी ऊर्जा के साथ एक नई शुरुआत करनी होती है।”

यह भी पढ़ें -  सीएम धामी का हल्द्वानी की सड़कों का औचक निरीक्षण, गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए अधिकारियों को किया निर्देशित

दूसरी ओर, जिला युवा कल्याण अधिकारी वरद जोशी, जो लगातार दूसरे वर्ष यहां ड्यूटी कर रहे हैं, कहते हैं, “यह यात्रा हर दिन एक नई चुनौती लाती है और हमें हर दिन कुछ नया सिखाती है। बाबा केदारनाथ की सेवा करना अपने आप में एक तपस्या है।”

जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने कहा – यात्रा के असली हीरो कर्मचारी:

“श्री केदारनाथ धाम यात्रा सबसे कठिन यात्राओं में से एक है। यहां ड्यूटी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के समर्पण एवं निष्ठा के चलते ही यह यात्रा सफल होती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु बाबा के धाम दर्शनों को पहुंचते हैं। यात्रा के सफल संचालन के लिए दिन-रात काम करने वाले कुशल एवं दक्ष कर्मचारियों के कठिन परिश्रम के कारण ही बाबा के धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु यहां से आशीर्वाद के साथ सुखद यादें भी लेकर जाते हैं। यही सभी कार्मिक इस यात्रा के असली हीरो हैं।”

केदारनाथ यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह प्रशासनिक सेवा, अनुशासन और मानवीय समर्पण का अद्भुत उदाहरण भी है। यह यात्रा सिखाती है कि सीमित संसाधनों में भी पूर्ण समर्पण और टीम भावना से असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

Back to top button