उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आ रही है यहाँ सात महीने की मासूम बच्ची चूल्हे की आग से झुलस गई. ग्रामीणों की मदद से बच्ची को इलाज के लिए सीएचसी देघाट ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे एसटीएफ हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया, लेकिन बच्ची ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया. बता दें की स्याल्दे तहसील के ग्राम उपराड़ी छबोलछाना तोक निवासी सीता देवी और खेमचंद्र की दो वर्ष पूर्व शादी हुई थी.लक्षिता उनकी पहली और एकलौती पुत्री थी.हादसे में बच्ची की दर्दनाक मौत ने स्वजनों को झकझोर कर रख दिया है.
जानकारी के अनुसार, सीता देवी पत्नी खेम चंद्र गुरुवार की सुबह करीब छह बजे अपनी छह माह की पुत्री लक्षिता को चूल्हे के पास सोता छोड़कर गोशाला में जानवरों को चारा देने चले गई.इस दौरान अचानक चूल्हे की आग बच्ची के कपड़ों ने पकड़ ली.पिता बगल के कमरे में ही सो रहे थे.वह भी मासूम की चीख नहीं सुन सके.मां के वापस रसोई में लौटने तक बच्ची चूल्हे की आग से बुरी तरह झुलस चुकी थी.गोशाला से लौटी मां की चीख सुनकर पिता समेत अन्य लोग पहुंचे.पड़ोसियों की सहायता से आनन-फानन में बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देघाट लाया गया. जहां डॉक्टर एसके विश्वास ने प्राथमिक उपचार कर बच्ची को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया. वहीं, हल्द्वानी ले जाते वक्त बच्ची में बच्ची ने बीच रास्ते में ही एंबुलेंस में दम तोड़ दिया.