उत्तराखंड के चमोली जिले में गौचर के पास कमेड़ा में सोमवार को भारी बारिश के बाद हुए जबरदस्त भूस्खलन से ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 100 मीटर हिस्सा बह गया और उस पर यातायात दो-तीन दिन के लिए अवरुद्ध हो गया. सूत्रों ने बताया कि यह मार्ग बदरीनाथ धाम को जाने वाले तीर्थयात्रियों और वाहनों के लिए दो से तीन दिन तक बाधित रहेगा. इस संबंध में तीर्थयात्रियों सहित सभी आमजन को होने वाली असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हुए सूत्रों ने बताया कि मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने के वास्ते संबंधित विभाग और एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह भारी बारिश के कारण गौचर भट्टनगर में भी एक पुश्ता टूट गया, जिससे सड़क किनारे खड़े पांच वाहन मलबे में दब गए.
उधर, तीन दिन पहले भूस्खलन के कारण सड़क धंसने से गैरसैंण के पास कालीमाठी में अवरुद्ध हुआ कर्णप्रयाग-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग भी अभी तक नहीं खुल पाया है. इसके अलावा, नंदप्रयाग और छिनका में भी बोल्डर गिरने के कारण यातायात अवरुद्ध है. बारिश के कारण भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में दैनिक विहार त्रिदंडी आश्रम की दीवार ढह गई. आश्रम के संतोष बाबा ने बताया कि शनिवार देर रात बारिश के चलते दीवार ढह गई. यह आश्रम जेपी कालोनी के ठीक ऊपर है, जहां इस साल की शुरुआत में अचानक जमीन से पानी निकला था और मकान धंस गए थे. उस दौरान आश्रम के खेतों में और आसपास दरारें आ गई थीं. वहीं डीएम हिमांशु खुराना ने कहा, “उत्तराखंड के चमोली जिले के कमेड़ा, गौचर में बद्रीनाथ-श्री हेमकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. सड़क बहाल होने में दो से तीन दिन लगेंगे.