उत्तराखंड के चमोली में बुधवार को करंट लगने से हुए दर्दनाक हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया. बुधवार को नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर काम चल रहा है. जिस समय हादसा हुआ, उस वक्त साइट पर 24 लोग मौजूद थे, झुलसे से करीब 16 लोगों की मौत हो गई. चमोली के ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि बीती रात को बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था. बुधवार को सुबह तीसरे फेज को जोड़ा गया, जिसके बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट दौड़ गया. ट्रांसफार्मर से लेकर मीटर तक कहीं एलटी और एसटी के तार नहीं टूटे हैं, मीटर के बाद तारों में करंट दौड़ा है.
एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि परिसर की रेलिंग में करंट फैला था. पूरा प्लांट लोहे की ग्रिल से बना हुआ है. जिससे हादसा बड़ा हो गया. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रात में यहां रहने वाले केयर टेकर का सुबह फोन नहीं लग रहा था. जिसके बाद परिजनों ने साइट पर आकर खोजबीन की. तब सामने आया कि केयर टेकर की करंट लगने से मौत हुई है. सूचना मिलते ही परिजनों के साथ कई ग्रामीण भी साइट पर पहुंच गए. जब वह यहां पहुंचे तो पुलिस मामले की जांच कर रही थी. इस दौरान वहां दोबारा से करंट फैल गया. जिसकी चपेट में कई लोग आ गए. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने करंट से लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि घायलों को देहरादून लाया गया है. उनके इलाज में कोई कमी नहीं होगी.