उत्तराखंड में बारिश ने बरपाया कहर, मृतकों की संख्या पहुंची पांच, 12 लापता
50 से अधिक मकान मलबे की चपेट में आ गए। दो पुल टूट गए और 250 से अधिक सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई.
देहरादून: बारिश ने शनिवार को प्रदेशभर में कहर बरपाया। 50 से अधिक मकान मलबे की चपेट में आ गए। दो पुल टूट गए और 250 से अधिक सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल हो गए। इसके अलावा 12 लोग अभी भी लापता हैं। कीर्तिनगर तहसील के गोदी कोठार में मलबे में दबी महिला की तलाश दूसरे दिन भी जारी है। वहीं बीते शनिवार तड़के जौनपुर ब्लॉक के ग्वाड़ गांव में बादल फटने के कारण जमीदोंज हुए कमांद सिंह के पांच सदस्यीय परिवार का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, ग्रामीण, अधिकारी सात किलोमीटर पैदल चल प्रभावित गांवों में पहुंच रहे हैं।
वहीं सरखेत में आई आपदा के बाद एनडीआरएफ की टीम भी राहत बचाव कार्य में जुट गई है। आपदा की दृष्टी से संवेदनशील उत्तराखंड में इस साल 36 लोग जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा 53 लोग घायल हुए हैं, सैकड़ों यात्री सड़कों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं। सड़कों को खोलने के काम में 229 मशीनों को लगाया है। जबकि 13 लोग लापता हैं। 32 स्टेट हाईवे, 16 मुख्य जिला मार्ग, नौ अन्य जिला मार्ग, 79 ग्रामीण सड़कें (सिविल) और 111 पीएमजीएसवाई की सड़कों सहित कुल 250 सड़कें अवरुद्ध हैं। इससे पहले 98 सड़कें शुक्रवार से बंद थी, जबकि शनिवार को 184 सड़कें बंद हुईं। शनिवार को 32 सड़कों को खोलने का कार्य किया गया।