बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम आलवेदर रोड परियोजना धार्मिक आस्था और पर्यटन को सुलभ बनाने के साथ ही देश की सामरिक जरूरतों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. आपको बता दें की ऑल वेदर रोड परियोजना के शेष हिस्से में कार्य शुरू करने की इजाजत मिलने से उत्तराखंड के पांच शहरों में बाईपास निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इनमें ऋषिकेश, चंपावत, पिथौरागढ़, लोहाघाट और जोशीमठ शामिल हैं। पांचों बाईपास की कुल लंबाई 57.85 किमी होगी। चंपावत बाईपास के लिए डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी गई है। इसे जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है. बाईपास बनने से न केवल स्थानीय लोगों को जाम से निजात मिलेगी बल्कि राज्य में आने वाले यात्रियों को भी बड़ी सुविधा मिल जाएगी।
बता दें की ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश, जोशीमठ, चम्पावत, पिथौरागढ़ और लोहाघाट में सड़कों की स्थिति बेहद संकरी होने की वजह से बाईपास निर्माण का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन इस मामले में पीआईएल होने की वजह से बाईपास निर्माण खटाई में पड़ गया था। इस परियोजना के तहत जिन हिस्सों में निर्माण कार्यों पर रोक थी उनमें ऋषिकेश, जोशीमठ, चम्पावत, पिथौरागढ़ और लोहाघाट में बाईपास निर्माण पर रोक भी शामिल थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की इजाजत मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने बताया कि पहले चरण में चंपावत में बनने वाले 9.80 किमी बाईपास निर्माण के लिए शासन की ओर से 285.48 लाख रुपये का अनुमानित इस्टीमेट केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।