उत्तराखंडगढ़वाल

गंगोत्री नेशनल पार्क में बढ़ रही हिम तेंदुआ की चहलकदमी, BRO के मेजर ने कैमरे में कैद की तस्वीरें

सीमा सड़क संगठन के मेजर बीनू वीएस ने भैरव घाटी और नेलांग के बीच पागल नाले के बीच हिम तेंदुआ को विचरण करते देखा.

नेलांग घाटी में दुर्लभ प्रजाति के हिम तेंदुओं की चहलकदमी भी अब कैमरे में कैद होने लगी है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मेजर बीनू वीएस ने बीती 27 फरवरी को भैरव घाटी और नेलांग के बीच एक तंदुरुस्त हिम तेंदुआ देखा, जो आराम से टहलता हुआ पहाड़ी की ओर आगे बढ़ा. इसके बाद मेजर बीनू ने गंगोत्री नेशनल पार्क को इसका फोटो वीडियो भी साझा किया. इससे पहले भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्लूआइआइ) की टीम को बीते वर्ष 11 दिसंबर को नागा और सोनम के बीच एक हिम तेंदुआ दिखा था. आपको बता दें की गंगोत्री नेशनल पार्क में हिम तेंदुए के साथ पार्क क्षेत्र में नीली भेड़, काला भालू, भूरा भालू, लाल लोमड़ी, हिमालयन मोनाल, हिमालयन थार, कस्तूरी मृग और अरगली भेड़ आदि भी पाए जाते हैं.

हिम तेंदुए सिर्फ गंगोत्री नेशनल पार्क और डब्लूआइआइ के कैमरा ट्रैप में ही नहीं आए, बल्कि गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मियों व पर्यटकों के साथ भारत-चीन सीमा पर तैनात आइटीबीपी, सेना, बीआरओ के अधिकारियों ने भी इन्हें समय-समय पर देखा है. हाल ही में सीमा सड़क संगठन के मेजर बीनू वीएस ने भैरव घाटी और नेलांग के बीच पागल नाले के बीच हिम तेंदुआ को विचरण करते देखा. मानवीय गतिविधि को भांपकर हिम तेंदुआ पहाड़ी की ओर आगे बढ़ गया. बता दें  की  उत्तराखंड में हिम तेंदुआ की संख्या में वृद्धि हुई है. वर्ष 2016 में यहां 86 हिम तेंदुआ थे, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 120 के आसपास हो गए. गंगोत्री नेशनल पार्क में हिम तेंदुआ की संख्या 17 से बढ़कर 40 के करीब पहुंची है. भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से हर वर्ष उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुआ की गतिविधि को कैद करने के लिए कैमरा ट्रैप लगाए जाते हैं. इस बार पार्क क्षेत्र में 105 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अप्रैल में सामने आएगी.

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