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Chardham Yatra 2022: विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट

केदारनाथ के कपाट भैया दूज यानी आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस अवसर पर तीन हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने.

उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2022 का समापन की ओर बढ़ चली है. केदारनाथ के कपाट भैया दूज यानी आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस अवसर पर तीन हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने. आगामी छह माह की पूजा अर्चना एवं भोले बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे. आज दोपहर यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. केदारनाथ के कपाट बंद होने के समय धाम में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ थी. पौराणिक विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछ के कपाट को बंद कर सील कर दिए गए. धाम से बाबा की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन स्‍थान के लिए रवाना हो गई. इस दौरान धाम में बाबा केदार के दर्शनों को भक्तों का तांता लगा रहा. केदारनाथ धाम में अब तक 15.55 लाख से अधिक यात्री पहुंचे।

बाबा केदार के दर्शनों को भक्तों का तांता लगा रहा. गुरुवार परंपरा के अनुसार सुबह चार बजे बाबा केदारनाथ को भस्म, फल, घी और अन्न से अभिषेक करने के बाद भगवान को छह महीने के लिए समाधि दी गई. इसी दिन बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली अपने पहले पड़ाव आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंचेगी. 28 अक्टूबर को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी और 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे. श्री हेमकुंट साहिब-लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो गये. द्वितीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर को बंद हो जायेंगे. इसी के साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का सफल समापन हो जायेगा. 

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