उत्तराखंड

उत्तराखंड: कतर से रिहा हुए कैप्टन सौरभ, बेटे की आवाज सुन भावुक हुए पिता.. कहा- मेरी चौखट पर आए ‘मेरे राम’

18 महीने बाद बेटे की आवाज सुनकर उनकी नींद झटके से दूर हो गई. बेटे की आवाज सुनकर रुंधे गले से जो शब्द बाहर निकले, वह बता रहे थे कि जैसे मौत की सजा से रिहाई सौरभ के पिता को मिली हो.

भारतीय नौसेना के पूर्व कैप्टन सौरभ वशिष्ठ को कतर में मौत की सजा सुनाई गई थी. सजा सौरभ को मिली, लेकिन उसे पल-पल भुगता दून में रह रहे उनके माता-पिता ने. सजा-ए-मौत के बाद सौरभ को रिहाई मिली तो सोमवार तड़के साढ़े तीन बजे उन्होंने अपने पिता को कॉल किया. अनजान नंबर जानकर सौरभ के पिता ने फोन काट दिया. दोबारा घंटी बजी तो रिसीव करने पर दूसरी तरफ से आवाज आई, पापा सौरभ बोल रहा हूं. 18 महीने बाद बेटे की आवाज सुनकर उनकी नींद झटके से दूर हो गई. बेटे की आवाज सुनकर रुंधे गले से जो शब्द बाहर निकले, वह बता रहे थे कि जैसे मौत की सजा से रिहाई सौरभ के पिता को मिली हो. आरके वशिष्ठ का हाल जुबिन नौटियाल के एक एलबम में फिल्माए सीन जैसा था. जिसमें वर्षों से गायब सैनिक पुत्र के घर आने की पिता को सूचना मिलती है, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता. आरके भी बेटे की आवाज सुनते ही बोल पड़े- मेरी चौखट पर ‘मेरे राम’ आए हैं.

बेटे के घर वापसी के इंतजार में तड़प रहे माता-पिता का कहना है कि कतर में फांसी-उम्रकैद की सजा के बाद बेटे का वापस आना चमत्कार से कम नहीं है. मंगलवार देर रात कतर से सभी रिहा हुए नौसैनिकों के साथ सौरभ वशिष्ठ भी कतर से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे. सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ वायुसेना से रिटायर्ड विंग कमांडर हैं. सौरभ की पत्नी कतर में नौकरी करती हैं और उनकी दोनों बेटियां भी वहीं स्कूल में पढ़ रही हैं.  बता दें कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर कतर में देहरा ग्लोबल टेक्नोलाजी एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी के लिए काम कर रहे थे. अगस्त 2022 में इन सभी को गिरफ्तार किया गया था. 26 अक्टूबर, 2023 को कतर की अदालत ने इन पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुना दी. भारत में रहने वाले उनके स्वजन उससे सदमे में आ गए. देशभर से रिहाई की मांग उठी. इसके बाद भारत सरकार ने इनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू की. सौरभ के पिता आरके वशिष्ठ ने बताया कि उनके बेटे से दिल्ली में रहने वाले परिवार के लोग मिले हैं. उन्होंने सौरभ को फोन उपलब्ध करा दिया है. फोन पर सौरभ परिवार के लोगों के लगातार संपर्क में हैं. मंगलवार देर शाम तक उनके दून पहुंचने की उम्मीद है. उधर, कतर की एक कंपनी में नौकरी करने वाली सौरभ की पत्नी यहां आने के लिए रवाना हो गई हैं.

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