उत्तराखंड और भारतीय सेना का बेहद पुराना नाता रहा है. गौरवशाली सैन्य परंपरा वाले प्रदेश उत्तराखंड से हर साल सबसे अधिक जवान भारतीय सेना का अभिन्न अंग बनते हैं. वहीं भारतीय सेना का हर पांचवां जवान भी इसी वीरभूमि में जन्मा है. अपने परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड के युवा लगातार देवभूमि का परचम लहरा रहे हैं. वहीं अब अल्मोड़ा के यशराज ने सेना में अफसर बनकर प्रदेश समेत जिले का मान बढ़ाया है. बता दें कि यशराज के पिता भी सेना में कैप्टन रह चुके हैं. बचपन से ही यशराज सैन्य परिवार में पले बढ़े और उनके मन में सेना में जाने का जुनून बेहद कम उम्र से ही सवार रहा और अब उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर मन में कुछ पाने की तीव्र इच्छा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.
आपको बता दें की यशराज के पिता मदन सिंह खड़ाई सेना से रिटायर्ड कैप्टन है. उनकी माता का नाम उमा देवी है. वे मूल रूप से बजेल रनमन निवासी है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा दरमिया आनंद वैली सोमेश्वर से संपन्न हुई है, और हाईस्कूल की जम्मू कश्मीर और इंटरमीडिएट देहरादून से संपन्न हुई है. उनकी बड़ी बहन रजनीं खराई सोमेश्वर कॉलेज पहली अध्यक्ष रह चुकी हैं. यशराज ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है. उनकी इस उपलब्धि के बाद से ही उनके परिवार में सभी लोग बेहद खुश और उनके परिजनों के बीच में हर्षोल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है.