बेरोजगारी के इस दौर में कई पढ़े-लिखे जवान नौकरी की तलाश में इधर उधर भटक रहे हैं। मगर कुछ लोग अपने गांव में बैठकर स्वरोजगार पैदा कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं। उत्तराखंड में स्वरोजगार की अनेकों सफल कहानियां हैं लेकिन ऐसा कम ही सुनने को मिलता है कि स्वरोजगार के बल पर किसी महिला ने अपने जिले को देशभर में पहचान दिलाई हो. पिथौरागढ़ की रहने वालीं देवकी जोशी की शख्सियत कुछ ऐसी ही है. उन्होंने पहाड़ी अनाजों से नमकीन बनाकर लघु उद्योग के क्षेत्र में जिले का नाम रोशन किया है. मंडुआ आदि से नमकीन बनाकर इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने वालीं देवकी जिले की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं.पिथौरागढ़ की देवकी जोशी ने साल 1995 में स्थानीय स्तर पर नमकीन तैयार कर इसे स्वरोजगार का जरिया बनाने की ठानी थी. आगे पढ़िए
इसके बाद उन्होंने घर पर ही नमकीन बनाने का काम शुरू किया और वह खानपान से जुड़ी हर दुकान पर जाकर अपनी नमकीनों को बेचने लगीं. शुरुआत में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन वह हार कहां मानने वाली थीं. बिक्री से होने वाली बचत से उन्होंने अपने कारोबार को और आगे बढ़ाया. कुछ ही साल में उनकी मेहनत रंग लाई और उनकी नमकीन जिले भर की दुकानों पर बिकने लगी.उन्होंने पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देखने के लिए मंडुए की नमकीनबनाई है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने पहाड़ में पैदा होने वाले अनाज, दालों और सोयाबीन के उत्पाद भी बनाए हैं, जिसमें नमकीन और चिप्स शामिल हैं. इसके साथ ही उन्होंने मडुआ स्टिक, मडुआ चिप्स, मडुआ भुजिया, मडुवा लहसुन सेव, सोया प्लेन, सोया स्पाइसी, सोया स्टिक, मेथी सेव, सोया चिप्स गहत स्पाइसी, काले और सफेद भट्ट की नमकीन, खट्टा-मीठा, नवरत्न और कुमाऊं मिक्स आदि पहाड़ी उत्पादों की नमकीन उपलब्ध हैं.