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मिलिए 55 साल की कमला दीदी से, चुटकी में बनाती हैं साइकिल से लेकर JCB के पंचर, आप भी दे एक मौका

कमला नेगी साइकिल से लेकर कार, ट्रक और जेसीबी मशीन तक के टायरों के पंचर यहां तक कि बाइक और कार की सर्विसिंग भी करती हैं। आइये जानते है कौन है ये टायर डॉक्टर।

हल्द्वानी: दुनिया के बहुत से पेशे ऐसे हैं जिन पर पुरुषों का एकाधिकार मान लिया गया है। ऐसे में जब उसमें स्त्रियों की दखल होती है तो लोग सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते हैं। पर इन वर्जनाओं को नैनीताल जिले की कमला दीदी ने तोड़ा है। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक ओड़ाखान निवासी कमला नेगी ने अलग ही मिसाल कायम की है। 55 साल की उम्र में साड़ी में लिपटी कमला दीदी को लोग कार की बोनट खोलकर रिपोरिंग करते और पंचर बनाते देखकर चौंक जाते हैं। आश्चर्य होता है कि एक महिला ये सब कर कैसे लेती है।

कमला नेगी पिछले 15 सालों से छोटे-बड़े वाहनों के टायर पंचर जोड़ने का काम कर रही हैं। कमला नेगी साइकिल से लेकर कार, ट्रक और जेसीबी मशीन तक के टायरों के पंचर कुछ मिनटों में आसानी से अकेले जोड़ देती हैं। यहां तक कि कमला नेगी बाइक और कार की सर्विसिंग भी करती हैं। दुकान के पास ही उनका घर है। लोग उनसे संपर्क कर इमरजेंसी में भी टायर का पंचर जुड़ाते हैं। कमला नेगी को स्थानीय लोग कमला दीदी के नाम से पुकारते हैं। कोई उनको टायर एक्सपर्ट कहता है, तो कोई उनको टायर डॉक्टर के नाम से पुकारता है। कमला नेगी के टायर पंचर जोड़ने की कला का हर कोई मुरीद है।

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कमला दीदी ने बताया कि पंचर बनाने से लेकर हवा भरने व अन्य सर्विसिंग के काम से रोजाना चार से पांच सौ तक की कमाई हो जाती है। इपनी इसी मेहनत से कमला दीदी ने बेटी कविता और बेटे कंचन को पढ़ाया। कंचन 12वीं पास कर एसएसबी में भर्ती हो गया। बावजूद इसके कमला दीदी ने अपना काम नहीं छोड़ा। कमला दीदी कहती है हवा भरने में 20 रुपये शुल्क लिया जाता है, लेकिन पर्यटक काम को देखकर सौ रुपये तक देकर चले जाते हैं। कहते हैं कि आप मिसाल हो। उसका कहना है कि मजबूरी सब सिखा देती है। पहाड़ की बेटी हूं घर से लेकर दुनिया तक संभाल सकती हूं।

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