उत्तराखंड

श्रीनगर गढ़वाल में बढ़ा अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का खतरा, शहर के 350 सुअरों को मारने की तैयारी

पौड़ी जनपद के श्रीनगर में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू तेजी से फैल रहा है. इसके संक्रमण की चपेट में आने से अब तक 300 से अधिक सूअर मर चुके हैं.

कोरोना संक्रमण के बीच उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाईन फ्लू ने दस्तक दी है. पौड़ी जनपद के श्रीनगर में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू तेजी से फैल रहा है. इसके संक्रमण की चपेट में आने से अब तक 300 से अधिक सूअर मर चुके हैं. वहीं, इससे बचाव के लिए अब नगर पालिका परिषद बचे हुए सूअरों को भी मारने की तैयारी में जुट गई है, ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके. इसके लिए नपा ने श्रीनगर के सूअर पालकों से लेकर पशु चिकित्सकों की बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें सूअर पालकों को ही, अपने सुअरों को मारने के लिए कहा गया है.

आपको बता दें की श्रीनगर में 650 के लगभग सूअर मौजूद थे, जिनमें से 300 सुअरों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है. बचे हुए 350 सुअरों को मारने की नगर निगम प्लानिंग कर रहा है. इसके लिए जगह तलाश कर एक बड़े गड्ढे में इन सुअरों को मार कर दफना दिया जाएगा. इससे पहले इन्हें बेहोश करने की प्रकिया की जाएगी. इसके लिए जेसीबी मशीन का भी प्रयोग नगर निगम द्वारा किया जाना है. नगर पालिका के सफाई इंस्पेक्टर शशि पंवार ने बताया कि अगर कोई अपने पालतू सूअर को मारने की इजाजत नगर निगम को देता है, तो उसे मुआवजा भी दिया जायेगा.

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आपको बता दें कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू एक बेहद खतरनाक संक्रामक पशु रोग है. खास तौर पर ये बीमारी घरेलू और जंगली दोनों सूअरों में फैलता है. इस फ्लू के संक्रमण से सूअरों में तीव्र रक्तस्राव और बुखार होता है. बता दें कि इस रोग में लगभग शत प्रतिशत मृत्यु दर होती है. फिलहाल, अब तक इसका कोई इलाज नहीं मिल सका है. इस संक्रमण को रोकने का केवल जानवरों को मारना है. यह संक्रमण को सूअरों से इंसानों से जानवरों में भी फैलता हैं, जो लोग संक्रमण ग्रसत सूअरों का मांस खाते हैं, वह भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. जिससे उन्हें तेज बुखार समेत अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

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