उत्तराखंड में बुधवार सुबह दर्दनाक हादसों की तस्वीरें सामने आई. अपनों को खोने के गम में हर तरफ से चीख-पुकार मची. रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में सुबह पांच बजे हुए भारी भूस्खलन में तीन बच्चे मलबे में दब गए. वहीं दूसरी तरफ यमुनोत्री हाईवे के पास यात्रियों के वाहन पर भारी बोल्डर गिर गया. गौरीकुंड में गौरी गांव में नेपाली मूल के तीन बच्चे भूस्खलन की चपेट में आने से मलबे में दब गए. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तीनों बच्चों को मलबे से निकाला गया. आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि इन बच्चों को गौरीकुंड हॉस्पिटल में उपचार के लिए लाया गया. जहां चिकित्सकों ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया. जबकि एक बच्चे का उपचार चल रहा है. वहीं यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट स्लाइड्स जोन के पास से गुजर रहे एक यात्री वाहन पर अचानक भारी मलबा बोल्डर गिर गया.
चट्टानी बोल्डर गाड़ी की खिड़की तोड़कर अंदर घुस गया, जिससे एक यात्री की मौत हो गई. जबकि कई घायल हो गए. बारिश और मलबा गिरने के चलते यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही मुश्किल बनी हुई है. ओजरी डाबरकोट में वाहनों की आवाजाही शुरू होने के कुछ ही देर में एक वाहन बोल्डर की चपेट में आ गया. इस हादसे में एक हैदराबाद की 30 वर्षीय पायल की मौत हो गई. जबकि 20 वर्षीय मुम्बई निवासी क़ृष्णा गंभीर रूप घायल है. अन्य यात्रियों को भी चोटें आई हैं. घटना के बाद पुलिस ने दोनों ओर वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोका. घायलों को बडकोट सीएचसी लाया जा रहा है. एक माह में ओजरी डाबरकोट के भूसखलन ने दो जिंदगियां छीन लीं. जुलाई माह में भूसखलन जोन में तैनात पुलिस जवान चमन सिंह तोमर की बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई थी.