उत्तराखंड की पुलिस को मित्र पुलिस कहा गया है.हर पुलिसकर्मी की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि ड्यूटी के दौरान वह किसी के साथ भी बुरा व्यवहार न करें.लेकिन मित्रता, सेवा, सुरक्षा स्लोगन के मानकों पर उत्तराखंड पुलिस पूरी तरह से खरी नहीं उत्तर पाई. देहरादून में पुलिस ने अमानवीयता के सारी हदें पर करते हुए एक महिला को थाने में इतना पीटा कि उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा है. दरसअल ये पूरा मामला नेहरू कॉलोनी के अंतर्गत जोगीवाला चौकी का है. जहाँ जोगीवाला चौकी के पुलिसकर्मी चोरी के एक मामले में शक के आधार पर महिला को पूछताछ के लिए चौकी उठाकर लाते हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए रातभर महिला को पीटा और थर्ड डिग्री टॉर्चर भी किया.
पूछताछ के दौरान पुलिस ने महिला पर बर्फ डालकर करंट भी लगाया. इसके बाद बेल्ट और जूतों से बुरी तरह पीटा भी, पुलिसकर्मियों ने महिला का थाने में इतना पीटा कि उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों से खून निकलने लगा, इसके बाद गंभीर हालत में पुलिसकर्मी मंजू को उनके घर छोड़ गए. महिला की हालत खराब होने पर परिजन उसे दून अस्पताल ले गए, जहां से उसे कोरोनेशन अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहीँ जोगीवाला पुलिस की करतूत सामने आने के बाद देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने जोगीवाला चौकी इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब की है.