उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस महकमे में मचा हड़कंप, पुलिस मुख्यालय ने किए 20 दरोगा सस्पेंड

साल 2015 में भर्ती हुए दरोगाओं में से 20 दरोगा संदिग्ध माने गए हैं और इस लिहाज से अब पुलिस मुख्यालय की तरफ से ऐसे 20 दरोगा निलंबित किए गए हैं.

उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल साल 2015 में भर्ती हुए दरोगाओं में से 20 दरोगा संदिग्ध माने गए हैं और इस लिहाज से अब पुलिस मुख्यालय की तरफ से ऐसे 20 दरोगा निलंबित किए गए हैं. पुलिस मुख्यालय स्तर पर सभी जिलों के कप्तानों को इन दरोगा के नाम भेज कर इन्हें निलंबित करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. आपको बता दें कि दरोगा भर्ती 2015 पर पूर्व में खूब सवाल उठे थे और इसमें पेपर लीक होने की बात कही गई थी. ऐसे में इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस द्वारा की गई थी. दारोगा भर्ती घोटाला 2015-16 का है. इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ी, आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती चली गईं. 

विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट पहले ही इस मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी थी. वहीं, विजिलेंस की रडार पर 40 से 75 दारोगा हैं, जो परीक्षा में धांधली कर 2015-16 में दारोगा बने थे. इनमें संदिग्धों में से 20 दारोगा को आज सस्पेंड कर दिया गया है. विजिलेंस की कुमाऊं और गढ़वाल यूनिट इस केस की अलग-अलग एंगल से जांच कर रही हैं. विजिलेंस की टीम जांच के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ भी गई थी. लखनऊ में टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे थे. वहीँ इस मामले में ऐसा अंदेशा जताया गया है कि दारोगा भर्ती मामले में नियुक्ति पाने वाले कई दारोगा के शैक्षिक प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं. ऐसे में विजिलेंस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है. इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में तैनात आरोपित दारोगाओं के बारे में कई तरह की जानकारी भी विजिलेंस जुटा रही है.

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