नई दिल्ली:
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तीन मुख्य आरोपियों को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ‘महादेव’ के तहत मार गिराया है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह जानकारी देते हुए बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के ए-श्रेणी के आतंकवादी सुलेमान उर्फ फैयाजल जट्ट, हामजा अफगानी और जिब्रान के रूप में हुई है।
गृह मंत्री ने कहा कि इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF की संयुक्त टीम ने की। उन्होंने बताया कि 22 जुलाई को आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद संयुक्त अभियान शुरू किया गया, जो सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
हमले के सबूत और पाकिस्तान कनेक्शन
अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान के वोटर ID कार्ड, पाकिस्तानी चॉकलेट्स, दो AK-47 राइफल और एक अमेरिकी M4 कार्बाइन बरामद की गई है। बरामद हथियारों की फॉरेंसिक जांच चंडीगढ़ की लैब में कराई गई, जहां पुष्टि हुई कि इन्हीं हथियारों से पहलगाम में हमला किया गया था। जांच में 100% मेल खाने वाले बैलिस्टिक साक्ष्य मिले हैं।
क्या हुआ था पहलगाम में?
22 अप्रैल को पांच आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित तारासरन घाटी में तीर्थयात्रियों पर हमला किया था। हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें महिलाएं, बुज़ुर्ग और बच्चे भी शामिल थे। आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया था।
स्थानीय सहयोगियों की भूमिका
गृह मंत्री ने बताया कि हमले में स्थानीय मददगार भी शामिल थे। इनमें पारवेज और बशीर नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने आतंकियों को पनाह दी थी। बाद में इन्हीं ने मृत आतंकियों की पहचान की।
पीड़ितों के परिजन की प्रतिक्रिया
हमले में मारे गए ओडिशा निवासी प्रशांत सतपथी की पत्नी प्रियदर्शिनी आचार्य ने ऑपरेशन की सफलता पर संतोष जताते हुए सरकार और सुरक्षा बलों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि भारत आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।