दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड को एक बार ताज़ा कर दिया है. देवभूमि की शांत दून घाटी में 2010 में एक ऐसी वारदात हुई, जिसने पूरे देहरादून ही नहीं देश को भी झकझोर कर रख दिया था. श्रद्धा के हत्यारोपी आफताब अमीन की तरह यहां राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की 17 अक्टूबर 2010 को निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. हत्या के बाद उसने एक इंग्लिश फिल्म देखकर अपनी पत्नी की लाश को ठिकाने लगाया था. हत्या के बाद वो एक डीप-फ्रीजर खरीदकर लाया था और 3 महीने तक अपनी पत्नी के शव को उसी में रखा था. राजेश गुलाटी भी रोज जब बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता था तो लाश के टुकड़ों को मसूरी-देहरादून रोड के साइड के जंगलों में फेंक देता था. हत्या के बाद राजेश गुलाटी अपनी पत्नी के फोन से उसके भाई से भी लगातार बात कर रहा था. इस घटना का पर्दाफाश तब हुआ जब 12 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून पहुंचा. देहरादून पुलिस ने मामले की जांच के बाद 2011 में चार्जशीट फाइल की थी. आरोप पत्र में बताया गया था कि राजेश और अनुपमा के बीच अक्सर झगड़े होते थे. हत्या के दिन भी झगड़ा हुआ था. झगड़े के दौरान ही बेड के कोने पर अनुपमा का सिर लग गया था.
इसके बाद राजेश ने अनुपमा के मुंह पर तकिया रखकर हत्या कर दी थी. किसी को पता ना चले, इसके लिए राजेश ने एक डीप फ्रीजर खरीदा और अनुपमा की बॉडी को उसमे रख दिया. फिर स्टोन कटर मशीन से बॉडी के टुकड़े करने लगा और धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में फेंकने लगा. पुलिस ने जब राजेश से पूछताछ की तो पता चला कि एक हॉलीवुड फिल्म देखकर उसने अनुपमा की हत्या का प्लान बनाया. पहले उसने अनुपमा की हत्या की, इसके बाद जुर्म छिपाने के लिए एक डीप फ्रीजर खरीदा और अनुपमा के शव को उसमे रख दिया था. जब शव बर्फ में जम गया तो स्टोन कटर मशीन से उसने उसके 72 टुकड़े किए और धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में फेंकने लगा. इस बीच अनुपमा के भाई को सच पता चल गया. उसकी शिकायत पर पुलिस ने राजेश को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे आजीवन कारावास और 15 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया था. आपको बता दें की श्रद्धा हत्याकांड में एक और खुलासा हुआ है. आफताब के फोन की सर्च हिस्ट्री से पुलिस को पता चला है कि उसने साल 2010 के देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के बारे में भी सर्च किया था. अनुपमा हत्याकांड भी बिल्कुल श्रद्धा हत्याकांड की तरह हुआ था.