उत्तराखंड में गर्मी ने अपने तेवर का ट्रेलर कुछ इस तरह से दिखाया है जिससे मई-जून के भीषण तपिश का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं मौसम विभाग ने 9 अप्रैल से 12 अप्रैल तक तापमान सामान्य से बहुत अधिक रहने की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. इससे फसलों और सब्जियों को नुकसान होने की आशंका जताई गई है. उत्तराखंड के कई इलाकों में जंगलों में लगी आग से वातावरण में बढ़ी गर्मी के कारण बर्फ पिघलने और हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है. प्रचंड गर्मी से चौतरफा नुकसान के हालात बनते हुए नज़र आ रहे हैं, तो वहीं मौसम विभाग का यह भी दावा है कि गर्मी के ये तेवर 18 साल बाद दिख रहे हैं, जबकि तेज़ गर्मी के दो महीने अभी शेष हैं.
मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक बिक्रम सिंह ने बताया कि 9, 10, 11 और 12 अप्रैल को उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत में सामान्य से बहुत ज्यादा तापमान रहने का अनुमान है. इस दौरान इन जिलों में कुछ स्थानों पर वनाग्नि की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं. फसलों और सब्जियों पर भी गर्मी का असर दिखेगा. वहीं उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में उच्च हिमालयी क्षेत्रों (3500 मीटर से ज्यादा) वाले इलाकों में बर्फ पिघलने से हिमस्खलन होने का भी खतरा है. विभाग ने किसानों को तेज धूप से फसल को झुलसने से बचाने के लिए नियमित तौर पर सिंचाई करने के निर्देश दिए हैं.