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Tejas फाइटर जेट हादसे में भारतीय पायलट की मौत के बाद कोर्ट ऑफ इनक्वायरी शुरू

दुबई एयर शो में भारतीय तेजस फाइटर जेट क्रैश, IAF पायलट नमांश स्याल शहीद – जांच शुरू, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

दुबई एयर शो 2025 के दौरान भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान HAL तेजस की एक प्रदर्शन उड़ान दुखद दुर्घटना में बदल गई। तेजस विमान शुक्रवार दोपहर दुबई के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया, जिसमें इंडियन एयर फ़ोर्स के विंग कमांडर नमांश स्याल की मौत हो गई। यह हादसा भारतीय रक्षा तकनीक और अंतरराष्ट्रीय विमानन मंच दोनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

दुर्घटना कैसे हुई

स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2:10 बजे तेजस ने अपनी डेमो फ्लाइट शुरू की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विमान ने एक हाई-G मैन्युवर के बाद अचानक ऊंचाई खो दी और तेज गति से नीचे आते हुए जमीन से टकरा गया। टक्कर के बाद विमान आग के गोले में बदल गया।
दुर्घटना वाली फ्लाइट का उद्देश्य तेजस की एरोबेटिक क्षमता का प्रदर्शन करना था।

IAF ने पायलट की शहादत की पुष्टि की

IAF ने बयान जारी करते हुए कहा कि विंग कमांडर नमांश स्याल की मौके पर ही मौत हो गई।
एयर फ़ोर्स ने घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इनक्वायरी गठित कर दी है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि दुर्घटना तकनीकी खराबी से हुई या उड़ान के दौरान किसी मैन्युवर में त्रुटि से।

रक्षा मंत्री का बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा:
“देश ने एक होनहार और साहसी पायलट खो दिया है। मैं शहीद पायलट के परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।”

तेजस कार्यक्रम पर असर

यह तेजस जेट से जुड़ा दूसरा प्रमुख हादसा है। इससे पहले मार्च 2024 में राजस्थान के पास तेजस Mk-1 क्रैश हुआ था, लेकिन उस दुर्घटना में पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए थे।
दुबई एयर शो जैसी वैश्विक प्रदर्शनी में हुई दुर्घटना से तेजस के संभावित निर्यात और इसकी तकनीकी विश्वसनीयता पर नए सवाल खड़े हो गए हैं।

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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

यूएई एयर शो प्रशासन ने तुरंत राहत एवं सुरक्षा टीमें भेजीं। दुर्घटना के बाद कुछ मिनटों के लिए एयर शो के कार्यक्रम रोक दिए गए और क्षेत्र को सुरक्षा घेरा बनाकर बंद कर दिया गया।

आगे की कार्रवाई

IAF की तकनीकी टीम भारत से दुबई पहुंच गई है और मलबे का विश्लेषण कर रही है।
प्राथमिक जांच में संभव है कि नकारात्मक-G मोड़ के दौरान स्थिरता खोने की आशंका पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी जाएगी और इसके आधार पर तेजस प्रोग्राम के सुरक्षा मानकों में संशोधन किए जा सकते हैं।

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