अभी कोरोना का प्रकोप कम नहीं हुआ था कि उत्तराखंड में डेंगू ने दस्तक दे दी. लेकिन अब इसके साथ एक और बीमारी से प्रदेश के लोग जूझ रहे हैं. गौरतलब है कि आज कल उत्तराखंड में चिकनगुनिया ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. प्रदेश में बच्चों के साथ बड़े भी चिकनगुनिया की चपेट में आ रहे हैं. चिकनगुनिया से होने पर पहले कुछ दिन शरीर और जोड़ों में दर्द महसूस होता है. इसके बाद तेज बुखार होता और जोड़ों में दर्द काफी बढ़ जाता है. साथ ही त्वचा भी लाल हो जाती है और दाने उभर आते हैं. चिकित्सकों की मानें तो चिकनगुनिया के ठीक होने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाता है. जोड़ो में दर्द कई बार काफी समय तक बना रहता है.
हालांकि सरकारी आंकड़ों में डेंगू के फैलने की बात तो कही जा रही है, लेकिन चिकनगुनिया को लेकर अभी तक कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी अस्पतालों में मरीजों की ज्यादा भीड़ है. दें बता दें की चिकनुनिया, संक्रमित मादा टाइगर मच्छर के काटने से फैलता है. यह वही मच्छर है, जो डेंगू भी फैलाता है और इसमें अन्य बीमारियां जैसे कि जीका आदि फैलाने की भी क्षमता है. यह मच्छर विशेषतः दिन में काटता है, विशेषकर तड़के सुबह और शाम शुरु होने के समय. यह ठहरे हुए पानी में पनपता है. चिकनगुनिया घनी आबादी वाली क्षेत्रों में तेजी से फैलता है, क्योंकि यहां उनके पनपने के काफी स्थान होते हैं.