उत्तराखंडपौड़ी गढ़वाल

उत्तराखंड: दो बच्चों को निवाला बनाने वाले आदमखोर गुलदार को मारने का आदेश जारी

प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डाॅ. समीर सिन्हा ने पौड़ी जिले के आदमखोर गुलदार को मारने के आदेश दिए हैं.

प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डाॅ. समीर सिन्हा ने पौड़ी जिले के आदमखोर गुलदार को मारने के आदेश दिए हैं. गुलदार ग्राम ग्वाड़ और ग्लास हाउस श्रीनगर में पिछले दो दिन में दो बच्चों को मार चुका है. प्रभागीय वनाधिकारी को दिए आदेश में कहा, विशेष रूप से छोटे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए चिह्नित गुलदार को अंतिम विकल्प के रूप में मारने के आदेश दिए गए हैं. डीएफओ पौड़ी ने प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव को बताया, तीन फरवरी को गुलदार ने ग्राम ग्वाड़ पोस्ट खिर्सू निवासी 11 साल के अंकित पर गोशाला के सामने खेलते हुए हमला कर दिया था. गुलदार के हमले से अंकित की मौत हो गई थी. चार फरवरी को ग्लास हाउस रोड़ निवासी चार साल के अयान अंसारी को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया था. बच्चे का शव घर से 20 मीटर दूर झाड़ियों से बरामद किया गया था. वहीं घटना के तीसरे दिन डीएफओ स्वप्निल ने बताया कि गुलदार के हमले में मौत पर पीड़ित परिवारों को 6-6 लाख का मुआवजा प्रदान किया जाएगा.

जिसमें से दोनों पीड़ित परिवारों को 30-30 फीसदी (1 लाख 80 हजार) अग्रिम मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है. शेष 70-70 फीसदी (4 लाख 20 हजार) का मुआवजा पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पीड़ित परिवारों को प्रदान की जाएगी. गुलदार प्रभावित क्षेत्र में निगरानी के लिए वन विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दे दिए गए हैं. रात्रि गश्त के दौरान जागरूकता संदेश प्रसारित किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन श्रीनगर के अधिकारियों को वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कदम उठाए जाने को कहा गया है. हीं प्रभावित क्षेत्रों में वन विभाग की टीमें तैनात हो गई हैं. घटना के बाद क्षेत्र में स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है. डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि विभाग ने श्रीनगर में 3 पिंजरे और 7 ट्रैप कैमरे लगाए हैं. ग्वाड़ गांव में 2 पिंजरे और 5 ट्रैप कैमरे लगाए हैं. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में 15 वन कर्मियों और 10 पीआरडी जवानों की टीमें तैनात कर लगातार गश्त की जा रही है.

यह भी पढ़ें -  सपरिवार उत्तराखंड पहुंचे द ग्रेट खली, महासू देवता मंदिर में पूजा कर लिया आशीर्वाद
Back to top button