उत्तराखंड

हर रोज इतने ही श्रद्धालु कर पाएंगे चारधाम के दर्शन, जानें शासन ने क्यों लागू की यह व्यवस्था

कोविड महामारी के दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है. इसलिए उत्तराखंड सरकार ने प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है.

3 मई से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा से पहले, उत्तराखंड सरकार ने प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं  की संख्या तय कर दी है. कोविड महामारी के दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है. इस बार बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के चारधाम आने की संभावना है.जिसके चलते बद्रीनाथ में प्रतिदिन 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी. यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है. 

इससे पहले शनिवार को मुख्य सचिव एसएस संधू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखंड के बाहर से आने वाले यात्रियों और तीर्थयात्रियों के कोविड-19 परीक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति को दूर किया. अधिकारी ने कहा कि राज्य की सीमाओं से आने वाले यात्रियों और भक्तों के लिए COVID-19 परीक्षण करना और COVID-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है. हालांकि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पोर्टल पर सभी यात्रियों और श्रद्धालुओं का पंजीकरण कराना अनिवार्य है. 

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