उत्तराखंड में खनन माफियों की दादागिरी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.आखिर क्या वजह है कि खनन माफियाओं के दिल में पुलिस का भी खौफ नहीं रह गया? उत्तराखंड की यह खबर वास्तव में हैरान कर देने वाली है. घटना खटीमा पीलीभीत मार्ग पर जमौर खुदागंज चौराहे की है जहाँ पीलीभीत मार्ग पर मिट्टी से भरी हुई ट्रैक्टर-ट्रॉली जा रही थी, तभी वहां से एसडीएम खटीमा रविंद्र बिष्ट की गाड़ी गुजर रही थी. एसडीएम खटीमा रविंद्र बिष्ट की गाड़ी को देखकर ट्रैक्टर-ट्रॉली के चालक ने वहां से भागने की कौशिश की. इस दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली सीधी एसडीएम खटीमा रविंद्र बिष्ट की गाड़ी से जा भिड़ी.
इस घटना में एसडीएम खटीमा रविंद्र बिष्ट के साथ कार में बैठे उनके कर्मचारी बाल-बाल बच गए. इसके घटना के बाद आरोपी ट्रैक्टर-ट्राली छोड़कर फरार हो गए. वहीं एसडीएम ने उक्त दुर्घटना में स्वयं व अन्य कर्मचारियों के बाल बाल बचने की बात कही और दुर्घटना का कारण खनन वाहन के ओवर स्पीड होना बताया.साथ ही खनन वाहन की खनन परमिशन को रद्द कर ओवर स्पीड व अवैध रूप से चल रहे खनन वाहनों के खिलाफ अभियान चलाए जाने की बात कही. अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वास्तव में उत्तराखंड में खनन माफिया बेखौफ हो गए हैं? क्या इन पर लगाम लगाना मुश्किल साबित हो रहा है?