उत्तराखंड

आज बंद होंगे बाबा बदरी के कपाट..235 साल बाद फिर शुरू होगी ये खास परंपरा

आज चारधाम यात्रा संपन्न हो जाएगी. बदरीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए 3 बजकर 35 पर बंद हो जाएंगे. इस साल साढ़े 17 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके हैं.

चमोली: विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. बद्रीनाथ धाम के कपाट दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इस बार बदरीनाथ धाम में रिकार्ड 17.47 लाख श्रद्धालु पहुंचे. 2018 में 10.58 लाख, जबकि 2019 में 10.48 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे. कपाटबंदी के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. कपाटबंदी के लिए मंदिर को फूलों से सजाया गया है. कपाटबंदी के बाद अब शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व जोशीमठ में श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे.

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव के महिला मंडल द्वारा बुने गए ऊन के घृत कंबल को भगवान बदरी विशाल को ओढ़ाकर शाम तीन बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. 235 वर्षों बाद इस बार पहला ऐसा अवसर होगा, जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज उपस्थित रहेंगे. कपाट बंद होने के समय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की उपस्थिति की परंपरा एक बार फिर लगभग 235 वर्षों बाद शुरू होने जा रही है.

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