उत्तराखंड

पेपर लीक मास्टरमाइंड का खुलासा: बिना योग्यता भरी 9 परीक्षाओं के फॉर्म, SIT जांच में नए राज़

नकल विरोधी कानून के तहत दर्ज अभियोग की जांच में जुटी एसआईटी टीम ने अब अपनी पड़ताल का दायरा और बढ़ा दिया है। जांच के दौरान अभियुक्त खालिद के घर पर सर्च वारंट के तहत छापेमारी की गई, लेकिन हैरानी है कि वहां से प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी कोई भी अध्ययन सामग्री या किताबें नहीं मिलीं। इस खुलासे ने खालिद की नीयत पर और गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है खालिद की असलियत? न पढ़ाई, न तैयारी, सिर्फ साजिश?
एसआईटी की पड़ताल में सामने आया कि खालिद ने वर्ष 2023 से 2025 के बीच 09 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया। इनमें से 05 परीक्षाओं में वह शामिल ही नहीं हुआ। बाकी परीक्षाओं में भी उसके अंक बेहद कम रहे, यानी वह हर बार फिसड्डी साबित हुआ।

चौंकाने वाली बात यह कि खालिद ने ऐसी-ऐसी परीक्षाओं के फॉर्म भी भरे, जिनके लिए वह शैक्षिक रूप से पात्र ही नहीं था। सवाल यह है कि जब न तैयारी थी, न योग्यता – तो आखिर किस मकसद से खालिद बार-बार इन भर्ती परीक्षाओं में हाथ आजमा रहा था?

शक की सुई और गहरी हुई
इन तथ्यों से यह संदेह और पुख्ता होता जा रहा है कि खालिद का असल उद्देश्य नौकरी पाना नहीं बल्कि भर्ती प्रक्रिया को तोड़ना-मरोड़ना और पेपर लीक कर पैसे कमाना था। यही वजह रही कि उसने UKSSSC की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में भी प्रवेश लिया और हरिद्वार के बहादुरपुर स्थित परीक्षा केंद्र से पेपर लीक कर इस गंभीर अपराध का मास्टर माइंड बन बैठा।

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 एसआईटी की जांच : हर पहलू पर कड़ी नजर
एसआईटी अब खालिद की गतिविधियों की गहन जांच कर रही है कि जिन परीक्षाओं में उसने पात्रता के बगैर आवेदन किया, उनका मकसद क्या था? उसके संपर्कों में कौन-कौन लोग थे, जो इस साजिश में शामिल हो सकते हैं? परीक्षा केंद्र से पेपर बाहर निकालने की उसकी रणनीति क्या थी और इसमें सहयोग किसने किया?

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़, कसेगा शिकंजा
खालिद की इस करतूत ने न केवल उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि हजारों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। साफ है कि खालिद का परीक्षा में बैठना महज़ एक नौकरी पाने का प्रयास नहीं बल्कि एक संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है। अब एसआईटी की सख्त जांच और जांच आयोग की निगरानी से इस पेपर लीक कांड की हर परत खोलने की तैयारी है।

आयोग का रुख सख्त, जस्टिस ध्यानी की बारीक नजर
पेपर लीक प्रकरण में जांच आयोग के अध्यक्ष बनाए गए जस्टिस यूसी ध्यानी (हाई कोर्ट से रिटायर) ने परीक्षा केंद्र पर निरीक्षण के दौरान प्रधानाचार्य व स्टाफ से गहन पूछताछ की। उन्होंने पेपर वितरण की प्रक्रिया, सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा इंतज़ाम और नियुक्त कर्मचारियों की भूमिका जैसे बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की और साफ चेतावनी दी कि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

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