चारधामों में से एक बाबा केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. वहीं इसी बीच दुखद खबर भी मिली है. बता दें कि केदारनाथ धाम में तीन दिन के अंदर चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई. पैदल मार्ग पर तबीयत बिगड़ने से जहां एक महिला की मौत हुई, वहीं दो महिलाओं की केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य ख़राब होने पर मौत हो गई. इसके अलावा एक तीर्थ यात्री की सोनप्रयाग में गहरी खाई में गिरने से मौत हुई है. साथ ही पुलिस कार्रवाई के बाद जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में पोस्टमार्टम कर शव संबंधितों के परिजनों को सौंप दिए गए हैं.
केदारनाथ धाम के कपाट बीती 6 मई को ही खुले है. इन तीन दिनों 41 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, लेकिन यहां पर तबीयत खराब होने पर यात्रियों के लिए इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए है. यहीं कारण है कि बीच रास्ते में इलाज के अभाव में तीर्थ यात्री दम तोड़ रहे है बीते शुक्रवार को केदारनाथ मंदिर के कपाटोद्घाटन पर बाबा के दर्शनों को सोनी छाया बेन (47) पत्नी सोनी मितुल बेन, ग्राम बडोदरा, विवेकानंद नगर, अहमदाबाद, गुजरात, निवासी बाबा के दर्शनों को गई थी. लेकिन रास्ते में तबियत खराब होने पर वह परिजनों के साथ वापस सोनप्रयाग लौट आईं. रात्रि 9 बजे एबुलेंस से जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग लाया गया. जहां इलाज के दौरान देर रात्रि उनकी मौत हो गई.
इसके अलावा केदारनाथ पहुंची बुलंदशहर यूपी निवासी उर्मिला गर्ग (67) की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई, जबकि दिलशा राम निवासी मध्य प्रदेश (67) की केदारनाथ में तबीयत बिगड़ने से मौत हुई है. दोनों शवों का पंचनामा भरने के बाद पुलिस ने हेलीकॉप्टर से गुप्तकाशी भेजा. पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है. वहीं, केदारनाथ यात्रा पर आए प्रवीण सैनी पुत्र रमेश सैनी उम्र लगभग 47 वर्ष निवासी गुड़गांव हरियाणा, केदारनाथ की यात्रा करके गौरीकुंड की ओर आ रहा था. गौरीकुंड से एक किमी पहले पैर फिसल जाने के कारण वे लगभग 150 मीटर गहरी खाई में गिर गए गहन सर्चिंग के उपरांत एसडीआरएफ टीम को यात्री दिखाई दिया, जो कि मृत अवस्था में था. सीएमएस डॉ. मनोज बडोनी ने बताया कि मृतक यात्रियों के शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया. साथ ही मामले में प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी गई है.