उत्तराखंड

नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉनक्लेव के चौथे दिन खेल पोषण और एथलीट जीवन की वास्तविक चुनौतियों पर की गई चर्चा

नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉनक्लेव के चौथे दिन खेल पोषण और एथलीट जीवन की वास्तविक चुनौतियों पर की गई चर्चा

देहरादून : पहले सत्र का विषय था “उन्नत खेल पोषण – उच्चतम प्रदर्शन के लिए,” जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में पोषण विशेषज्ञ डॉ. कोम्मी कल्पना ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन, रिकवरी और मानसिक स्वास्थ्य में पोषण की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि खेल पोषण का मुख्य उद्देश्य प्रदर्शन को बेहतर बनाना, रिकवरी को तेज करना और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करना है। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों द्वारा सामना की जाने वाली सामान्य पोषण संबंधी चुनौतियों जैसे वजन प्रबंधन, नींद की समस्या और रिकवरी में देरी पर चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से महिला एथलीटों में आयरन की कमी को एक गंभीर समस्या बताया और किशोर खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे अपने विकास और शारीरिक वृद्धि पर ध्यान दें, साथ ही जंक फूड से बचें। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी चीट मील लेना स्वीकार्य है। इस सत्र में हरियाणा के प्रसिद्ध पहलवान सुजीत मान ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि “हम हरियाणा से हैं और हमारे लिए कुश्ती सब कुछ है। हमारे यहाँ हल्दी और मिर्च आम हैं। आजकल के बच्चों को आत्मविश्वास की जरूरत है और हर बच्चे को खेलों में भाग लेना चाहिए।”


दूसरे सत्र का विषय था “एक एथलीट की जिंदगी – स्वर्ण पदक और ग्लैमर के पीछे,” जिसमें ओलंपियन अंजुम मुद्गिल और खेल प्रसारक अनीशा घोष ने अपने अनुभव साझा किए। अंजुम मुद्गिल ने अपने प्रशिक्षण और पेरिस ओलंपिक्स के दौरान मानसिक चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आत्म-प्रेरणा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण थी। उन्होंने यह भी बताया कि वह खुद की आलोचना करके और खुद को बेहतर करने के लिए प्रेरित होकर आगे बढ़ीं। साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया की आलोचनाओं को संभालने के अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उन्होंने किस तरह इससे सीख ली। वहीं, खेल प्रसारक अनीशा घोष ने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि खेल केवल पदक जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होने और चुनौतियों से सीखने की प्रक्रिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के प्रभावों पर भी चर्चा करते हुए कहा कि यह कभी-कभी भारी पड़ सकता है, लेकिन हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपने देश के लिए मेहनत कर रहे हैं।
नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉनक्लेव  के इन दोनों सत्रों ने खेल पोषण और एथलीट जीवन की वास्तविकताओं को उजागर किया, जिससे खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को मूल्यवान जानकारी प्राप्त हुई।

यह भी पढ़ें -  श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी, 6 मई को सुबह 6:25 बजे खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button