उत्तराखंड

अब 30 म‍िनट में रुद्रप्रयाग से भोलेबाबा के दरबार पहुंचेंगे भक्‍त, केदारनाथ में बनने जा रहा दुन‍िया का सबसे लंबा रोपवे

अब 30 म‍िनट में रुद्रप्रयाग से भोलेबाबा के दरबार पहुंचेंगे भक्‍त, केदारनाथ में बनने जा रहा दुन‍िया का सबसे लंबा रोपवे
अब भक्‍तगण केदारनाथ बाबा के दर्शन को रोपवे से भी जा सकेंगे। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 9.7 किमी लंबे रोपवे का निर्माण होना है। इसके लिए निविदा आमंत्रित की गई हैं। इसके लिए 956 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है। निविदा स्वीकृत होते ही जल्द निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

केदारनाथ धाम को रोपवे से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 9.7 किमी लंबे रोपवे का निर्माण होना है। इसके लिए निविदा आमंत्रित की गई हैं। रोपवे का निर्माण होने से केदारनाथ धाम आने वाले देश-विदेश के लाखों तीर्थ यात्रियों की राह आसान हो जाएगी।

वर्तमान में केदारनाथ जाने के लिए तीर्थ यात्रियों को गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी की खड़ी चढ़ाई तय करनी पड़ती है। रुद्रप्रयाग जिले में समुद्रतल से 11,657 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग से 13 किमी लंबे रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है।

दो चरणों में पूरा होगा काम
यह कार्य दो चरणों में पूरा होना है। पहले चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम को जोड़ा जाएगा, जबकि दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 3.3 किमी हिस्सा रोपवे से जुड़ेगा। इसके लिए 956 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है। निविदा स्वीकृत होते ही जल्द निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
पूरी की जा चुकी हैं औपचार‍िकताएं

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हवाई व भूमिगत सर्वे समेत सभी औपचारिकताएं पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। रोपवे के लिए सोनप्रयाग व केदारनाथ धाम में प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे, जबकि गौरीकुंड, चीरबासा व लिनचोली में सब स्टेशन होंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड को सौंपी है।

बीते दो वर्ष से 15 लाख से अधिक तीर्थयात्री हर यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी से पहुंचते हैं। लेकिन पैदल जाने वाले बुजुर्ग, बच्चों व महिला तीर्थ यात्रियों को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धाम को रोपवे से जोड़ने की परियोजना को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया। रोपवे के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
जल्‍द शुरू होगा न‍िर्माण कार्य
रुद्रप्रयाग के ज‍िलना पर्यटन अध‍िकारी राहुल चौबे ने बताया क‍ि रोपवे के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी हैं। उम्मीद है कि जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रोपवे लगने के बाद तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम पहुंचने में महज 30 मिनट लगेंगे, जबकि वर्तमान में पैदल जाने वाले यात्रियों को सात से आठ घंटे या इससे अधिक समय भी लग जाता है।

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