उत्तराखंड को झकझोर देने वाली ऋषि गंगा की आपदा को एक वर्ष हो गया है. इस आपदा में 206 जिंदगियां मलबे में दफन हो गई थीं. इस जलप्रलय को याद करते ही आज भी रैणी और तपोवन घाटी के ग्रामीणों की रूह कांप जाती है. 7 फरवरी 2021 को रैणी गांव में आई भीषण आपदा के बाद ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कई कर्मचारियों और मजदूरों की सैलाब की चपेट में आने से मौत हो गई थी. सेना, ITBP, NDRF और SDRF के द्वारा टनल के अंदर रेस्क्यू चलाकर 88 शव बरामद किए जा चुके थे. एनटीपीसी की ओर से अभी भी टनल से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. इसी दौरान मंगलवार को यहां से एक शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान इंजीनियर गौरव निवासी ऋषिकेश के रूप में हुई है.