तबाही, बर्बादी के बीच जोशीमठ में लोग अपने घरों को छोड़कर शिविरों में शिफ्ट हो रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. खबरों की मानें तो जोशीमठ के मनोहर बाग वार्ड में कुल देवी अपना स्थान नहीं छोड़ रही है. जब जब उनकी मूर्ति को वहां से उठाने की कोशिश की जा रही है, तब तब उस शख्स को धक्का लग रहा है. जी हाँ बात जोशीमठ के सर्वाधिक असुरक्षित घरों में शामिल चंद्र बल्लभ पांडे के घर की हो रही है जहां घर के साथ ही कुल देवी के मंदिर में भी भारी दरारें पड़ी हुई है परन्तु कुल देवी अपने मूल स्थान से शिफ्ट होने को तैयार नहीं हैं. चंद्र बल्लभ ने मकान छोड़ दिया है वे प्रशासन के राहत शिविर में चले गए हैं. वह हर दिन मंदिर में पूजा करने आते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने मंदिर से देवी को भी शिफ्ट करने की कोशिश की लेकिन देवी अपने मूल स्थान को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
वह कई बार कोशिश कर चुके हैं. जैसे ही वे मंदिर से मूर्ति को उठाने का प्रयास करते हैं देवी उन्हें धक्का दे देती हैं. इसलिए वह हर दिन यहां पूजा करने के लिए आते हैं. उनका कहना है कि यहां देवी में बड़ी शक्ति है. लोग दूर दराज से यहां पूजा करने के लिए आते हैं. ऐसे में वह बिना देवी को लिए जोशीमठ से जाने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है. महज इस एक घटना से जोशीमठ के ताजा हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय वाशिंदों पर किस कदर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. फिलहाल चंद्र बल्लभ पांडे की इस समस्या का हल न तो स्वयं उनके पास है न ही प्रशासनों को कुछ सूझ रहा है. अब तो बस चंद्र बल्लभ पांडे को किसी चमत्कार पर ही भरोसा है. वहीं सिंहधार वार्ड की रहने वाली मंदोदरी देवी, गोदांबरी देवी, हेमलता देवी नगर पालिका के सभागार में पहले ही शिफ्ट हो चुकी हैं लेकिन घर के बारे में बात करते ही उनकी आंखों से आंसू छलक रहे हैं. उनका कहना है कि घर वीरान पड़े हैं और वे शिविरों में जीवन गुजार रहे हैं.