8 मार्च का दिन नारी शक्ति के लिए समर्पित है। लेकिन कहानी सिर्फ एक दिन के समर्पण भाव की नहीं, यह महिलाओं के सदियों तक चले संघर्ष का सम्मान है, जो उन्होंने पितृसत्तात्मक के अधीन रहते हुए, समाज की कुरीतियों से लड़ते हुए और अपने आप को स्थापित कर लिया है। यह महिलाओं के योगदान, संघर्ष और उपलब्धियों का सम्मान करने का दिन है। यह अवसर महिलाओं को समान अधिकार दिलाने, उनके सशक्तिकरण और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के लिए समर्पित है। भारत में नारी शक्ति ने विज्ञान, राजनीति, खेल, व्यापार और कला जैसे हर क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। कई नई-पुरानी सरकारी योजनाएं भी महिलाओं को प्रोत्साहित करने और उनके समग्र विकास के लिए चल रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।
महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की योजनाएँ
महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए भारत सरकार कई योजनाएँ चला रही है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने में मदद कर रही हैं।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
यह योजना लिंग भेदभाव को समाप्त करने और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई है। इसके तहत बेटियों को शिक्षित करने के लिए सरकार आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।

उज्ज्वला योजना
इस योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जाता है, जिससे वे धुएं से मुक्त रसोई में खाना बना सकें और उनके स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।

मुद्रा योजना
इस योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

वन स्टॉप सेंटर योजना
यह योजना महिला हिंसा से बचाव और सहायता के लिए चलाई गई है। इसमें महिलाओं को कानूनी मदद, काउंसलिंग और आश्रय गृह की सुविधा दी जाती है।

सुकन्या समृद्धि योजना
यह योजना बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए एक विशेष बचत योजना है, जिसमें माता-पिता कम ब्याज दर पर निवेश कर अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए पैसा जमा कर सकते हैं।
भारतीय महिलाओं की प्रेरणादायक उपलब्धियाँ
कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स (अंतरिक्ष विज्ञान)
भारत की बेटी कल्पना चावला ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से अंतरिक्ष में कदम रखकर दुनिया को दिखाया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं। वहीं, सुनीता विलियम्स ने भी अपनी उपलब्धियों से नारी शक्ति का परचम लहराया है।
किरण मजूमदार शॉ (व्यवसाय और उद्यमिता)
बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी में भारत को वैश्विक पहचान दिलाई है। उनका सफर हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो स्टार्टअप और बिजनेस में सफलता प्राप्त करना चाहती है।
मिताली राज और मैरी कॉम (खेल जगत)
क्रिकेट की दुनिया में मिताली राज ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, तो वहीं मैरी कॉम ने बॉक्सिंग में छह बार विश्व चैंपियन बनकर देश का नाम रोशन किया।
अनगिनत महिलाओं की उपलब्धियों में यहां चंद नाम लिखे गए हैं, लेकिन इनबॉक्स उत्तराखंड हर उस महिला को सलाम करता है जिन्होंने मातृ रूप में जन्म लिया और रोजमर्रा के जीवन में खुद को स्थापित किया।
नारी शक्ति के लिए आगे का रास्ता
हालांकि, महिलाएं हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं, फिर भी उन्हें समान वेतन, कार्यस्थल पर सुरक्षा, लैंगिक भेदभाव, घरेलू हिंसा और सामाजिक रूढ़ियों से जूझना पड़ता है। समाज को चाहिए कि वह महिलाओं को प्रोत्साहित करे, उन्हें अवसर दे और उनके अधिकारों के लिए जागरूकता फैलाए।
महिला दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा है। जब महिलाएं सशक्त होंगी, तो समाज और देश भी प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू सकेगा। आइए, इस महिला दिवस 2025 पर हम नारी शक्ति को और अधिक सशक्त बनाने का संकल्प लें।