उत्तराखंड

IFS अफसर की याचिका से हलचल, कैबिनेट सचिव पर कार्रवाई को लेकर दायर हुई अपील

उत्तराखंड के चर्चित और खांटी इमानदार आइएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी ने अब भारत सरकार के कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर 16 सितंबर को सुनवाई तय की गई है।

उत्तराखंड कैडर के आइएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का आरोप है कि कैबिनेट सचिव ने उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान झूठा शपथपत्र कोर्ट में पेश किया है। चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध मानहानिकारक टिप्पणी करने के लिए कार्रवाई शुरू करने की भी अनुमति कोर्ट से मांगी।

कैबिनेट सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से उत्तराखंड (नैनीताल) हाई कोर्ट में फरवरी 2023 में पारित कैट के आदेशों को निरस्त करने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। कैट के आदेशों के अनुसार इन दोनों अधिकारियों के साथ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और एम्स दिल्ली को उन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, जो चतुर्वेदी ने एम्स में मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई भ्रष्टाचार निरोधी जांच से संबंधित थे।

दोनों अधिकारियों ने मई 2025 में उनके विरुद्ध कैट की ओर से शुरू की गई अवमानना कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग की थी, जो उक्त आदेशों का पालन न करने के कारण शुरू की गई थी। याचिका में कैबिनेट सचिव ने कहा था कि संजीव चतुर्वेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान बतौर सीवीओ की गई लापरवाही और कदाचार के कारण खुद उजागर कथित भ्रष्टाचार मामलों को उचित ठहराने की कोशिश की। बताया गया कि उनका अप्रैजल रिपोर्ट से कोई संबंध नहीं है।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी, समूह-ग के तहत 71 विभागों में 445 पदों पर निकली भर्ती

दूसरी तरफ कैबिनेट सचिव की याचिका की इन टिप्पणियों पर कड़ा एतराज जताते हुए चतुर्वेदी ने हाई कोर्ट के समक्ष तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्कालीन मुख्य सतर्कता अधिकारी विश्वास मेहता की फाइल नोटिंग प्रस्तुत की, जो मई 2014 में दर्ज की गई थी। नोटिंग में इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने चतुर्वेदी के कार्य को उत्कृष्ट बताते हुए उनकी निष्ठा एवं ईमानदारी की सराहना की थी।

चतुर्वेदी ने वर्ष 2017 में अपने अपीलीय अभ्यावेदन और कैट में दायर याचिका से विस्तृत उद्धरण प्रस्तुत करते हुए याचिका में दावा किया कि उन्होंने भ्रष्टाचाररोधी मामलों का विस्तार से उल्लेख किया था। उन्होंने याचिका में दिए गए कथनों पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैबिनेट सचिव की ओर से दायर रिट याचिका में निराधार आरोपों को जगह मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button