उत्तराखंड

सीएम धामी ने किया चंपावत-टनकपुर मार्ग का निरीक्षण, स्वाला डेंजर जोन के स्थायी समाधान के निर्देश

  • मुख्यमंत्री धामी ने किया चम्पावत-टनकपुर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण, स्वाला डेंजर जोन में दिए स्थायी समाधान के निर्देश
  • भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का किया ग्राउंड ज़ीरो से निरीक्षण- बोले, 2026 तक निर्बाध होगा मार्ग यातायात
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश- “जनता की सुरक्षा सर्वाेपरि, हर परिस्थिति में चालू रहे संपर्क मार्ग”
  • स्वाला में मलबा हटाने के लिए मशीनरी व मानव संसाधन की व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के स्वाला डेंजर जोन का स्थलीय निरीक्षण किया। इस क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन से आमजन की आवाजाही प्रभावित हो रही थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर पहुँचकर भूस्खलन प्रभावित पहाड़ी, मलबे की स्थिति, जल निकासी व्यवस्था तथा सड़क की स्थिरता का प्रत्यक्ष जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी  मनीष कुमार ने मुख्यमंत्री को स्वाला भूस्खलन स्थल की भौगोलिक स्थिति, मलबे की मात्रा, जल प्रवाह की दिशा, भू-संरचना की प्रकृति तथा वैकल्पिक मार्गों की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वाला क्षेत्र में स्थायी समाधान के लिए ठोस तकनीकी योजना तैयार की जाए ताकि भविष्य में इस मार्ग पर यातायात बाधित न हो। उन्होंने कहा कि 2026 तक इस मार्ग को पूर्णतः निर्बाध एवं सुचारु बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के निवासियों और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे राहत एवं पुनर्स्थापना कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए।
उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर मलबा हटाने हेतु पर्याप्त मशीनरी, जेसीबी, और मैनपावर हमेशा तत्पर रखी जाए ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही वैकल्पिक मार्गों को भी पूरी तरह चालू और सुरक्षित रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि मार्ग से जुड़े गांवों के लोगों को समय-समय पर अपडेट किया जाए और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार ऐसी संवेदनशील स्थलों के स्थायी भू-वैज्ञानिक समाधान पर कार्य कर रही है ताकि राज्य की सड़कें हर मौसम में सुचारु बनी रहें। उन्होंने कहा कि चम्पावत-टनकपुर मार्ग क्षेत्रीय आवागमन और सीमांत इलाकों की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है, इसलिए इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ विकसित किया जा रहा है।

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