नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं (wheat) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 160 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की मंज़ूरी दी है, जिससे नई MSP ₹2,585 प्रति क्विंटल होगी। यह वृद्धि किसानों को बेहतर रिटर्न देने और अन्न उत्पादन को प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई है।
MSP वृद्धि और अन्य रबी फसलों पर फैसले
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने बैठक में यह निर्णय लिया कि गेहूं के अलावा जौ, चना, मसूर, सरसों व सफ्लावर सहित अन्य रबी फसलों की MSP में भी वृद्धि होगी। विशेष रूप से सफ्लावर की MSP में 600 रुपये प्रति क्विंटल की सबसे बड़ी वृद्धि की गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार यह कदम किसानों की आय सुदृढ़ करने और फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है।
लागत और मार्जिन का अनुपात
सरकार ने बताया है कि इस MSP वृद्धि से गेहूं उत्पादन की औसत लागत से किसानों को लगभग 109 प्रतिशत का मार्जिन मिल सकेगा। अन्य फसलों में भी यह वृद्धि लागत से अधिक लाभ सुनिश्चित करने वाली है, जिससे खेती और अधिक आकर्षक बनेगी।
आलोचना और चुनौतियाँ
कुछ किसानों ने MSP वृद्धि को पर्याप्त न बताते हुए कहा है कि आजकल की महंगाई, उर्वरक, बिजली व खाद के खर्च को ध्यान में रखते हुए यह वृद्धि सीमित मायने रखती है। खासकर उन किसानों ने चिंता जताई है जो हाल की बाढ़ या अतिवृष्टि से हुए नुकसान से जूझ रहे हैं — उनका मानना है कि MSP बढ़ने से उन हानिप्राप्त किसानों की पूरक क्षतिपूर्ति के रूप में कार्रवाई नहीं हुई।
कार्यान्वयन और आगे की दिशा
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस MSP वृद्धि को लागू करने के साथ ही खरीफ एवं रबी फसलों की सरकारी खरीद को तत्परता से सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर उनके बैंक खातों में दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी।