देश-दुनियाबिहार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : विस्तृत रिपोर्ट

पटना |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक मोड़ पर है। हाई प्रोफाइल नेताओं के दौरे, परिवारों के अंदरूनी विवाद, नए चेहरों की एंट्री और पुराने धुरंधरों की टक्कर—इन सबके बीच अब हर दल ने अपने लगभग सभी पत्ते खोल दिए हैं।

243 सीटों पर होने वाले इस चुनाव में करीब 7 करोड़ 50 लाख मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। इनमें लगभग 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिलाएं और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की 11 नवंबर को होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

उम्मीदवारों की स्थिति

नामांकन प्रक्रिया 17 से 20 अक्टूबर तक चली। कुल 5,177 नामांकन दाखिल हुए, जिनमें से 3,955 स्वीकार, 1,068 खारिज और 154 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए। अंततः 2,616 उम्मीदवार मैदान में हैं — पहले चरण में 1,302 और दूसरे में 1,324।

गठबंधनों का समीकरण

NDA में भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। LJP को 29 सीटें, HAM और RLM को 6-6 सीटें दी गई हैं।
वहीं, महागठबंधन में RJD 143, कांग्रेस 61 और भाकपा (माले) 20 सीटों पर मैदान में है।
GDA गठबंधन जिसमें AIMIM, RLJP, आज़ाद समाज पार्टी और अपनी जनता पार्टी (AJP) शामिल हैं, 79 सीटों पर उतर रहा है।
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
जन सुराज मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 116 सीटों पर सक्रिय है, हालांकि पार्टी का दावा है कि वह सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है।
इसके अलावा BSP 130 और AAP 121 सीटों पर मैदान में है।

मुख्य मुकाबला और संभावित समीकरण

इस बार असली जंग NDA बनाम महागठबंधन की मानी जा रही है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज को ‘डार्क हॉर्स’ कहा जा रहा है, जबकि AIMIM सीमित सीटों पर असर डाल सकती है।
महागठबंधन में कांग्रेस पिछली बार के मुकाबले कमजोर स्थिति में है—71 से घटकर अब केवल 61 सीटों पर लड़ रही है।

यह भी पढ़ें -  ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट आइकन शेन वार्न का 52 की उम्र में निधन

NDA की ओर से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के चेहरा हैं, जबकि महागठबंधन से तेजस्वी यादव सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
चुनाव प्रचार में दोनों गठबंधन रोजगार, बिजली, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक योजनाओं पर वादे कर रहे हैं।

प्रमुख चेहरे और विवाद

पवन सिंह विवाद: भोजपुरी स्टार पवन सिंह को BJP ने टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने काराकाट से निर्दलीय नामांकन किया।
तेज प्रताप बनाम तेजस्वी: RJD के अंदरूनी मतभेद खुलेआम सामने आए। तेज प्रताप ने नई पार्टी बनाकर सीधे टक्कर दी।
खेसारी लाल यादव: RJD से टिकट मिला, पहले उनकी पत्नी के नाम की चर्चा थी।
BJP में युवा चेहरा: दरभंगा से मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया, जिनकी रैली में अमित शाह ने भाग लिया।
जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने पहले चुनाव लड़ने की बात कही, फिर फैसला बदल दिया।

स्टार प्रचारक और रैलियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित कई जगहों पर रैलियां कीं।
योगी आदित्यनाथ ने सिवान में दो बड़ी रैलियां कीं।
वहीं तेजस्वी यादव और राहुल गांधी संयुक्त सभाओं में NDA पर हमलावर दिखे।

घोषणापत्र और प्रमुख मुद्दे

NDA का फोकस विकास, रोजगार और कानून व्यवस्था पर है।
महागठबंधन रोजगार, गरीबों के कल्याण और शिक्षा सुधार पर जोर दे रहा है।
जन सुराज नीतिगत बदलाव और युवाओं की भागीदारी पर केंद्रित है।

जमीनी स्थिति

जमीनी स्तर पर JDU और RJD के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है।
महिलाओं के बीच नीतीश कुमार की लोकप्रियता बनी हुई है, जबकि यादव वोट बैंक RJD के पक्ष में एकजुट दिख रहा है।
BJP राज्यभर में संगठन विस्तार में सक्रिय है, जबकि कांग्रेस खोई जमीन दोबारा पाने की कोशिश कर रही है।

निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 में मुकाबला सीधा NDA और महागठबंधन के बीच है, लेकिन जन सुराज और अन्य छोटे दल कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ सकते हैं। 14 नवंबर को आने वाले नतीजे तय करेंगे कि सत्ता की कुर्सी पटना में किसके हाथों में जाएगी।

Back to top button